कई पॉश इलाकों की हालत भी बुरी
दिल्ली में सबसे ज्यादा जलभराव वाले 25 क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है। इसमें सेंट्रल दिल्ली में कनॉट प्लेस और पुरानी दिल्ली को जोड़ने वाले मिंटो रोड पर 10 फीट तक पानी भरा पड़ा है। इसकी गिनती दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में होती है तो वहीं कश्मीरी गेट का इलाका भी जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। यह वह स्थान है, जहां मेट्रो का बहुत बड़ा जंक्शन तो है ही, इसके अलावा दिल्ली का सबसे बड़ा अंतरराज्यीय बस स्टैंड भी है। जिस वजह से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
शनिवार को सत्येंद्र जैन की बैठक
बता दें कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए शनिवार को दिल्ली सचिवालय में पीडब्लूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने तमाम एजेंसियों के साथ बैठक कर जगह जगह जमा पानी को हटाने और नालियों की सफाई की रोजाना रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
सरकार के मुताबिक इस बैठक में डीडीए और रेलवे के प्रतिनिधियों ने हिस्सा नहीं लिया। हालांकि एमसीडी की तरफ से इंजीनियर और अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए।
पानी निकासी के लिए पंप का हो रहा है इस्तेमाल
इस बार जलभराव की समस्या से निबटने के लिए पंप का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन इलाकों में अधिक पंप लगाने के आदेश संबंधित एजेंसियों को दिए गए हैं। इसके अलावा बैठक में सभी एजेंसियों को पानी हटाने वाले पंप और अन्य आवश्यक उपकरणों को विषम परिस्थितियों में निपटने के लिए तैयार रखने को कहा गया है।
भाजपा मुख्यालय है मिंटो ब्रिज पर पानी जमा होने का कारण
बता दें कि पिछले दिनों मिंटो ब्रिज पर दो बार यात्रियों से भरी बस फंस चुकी है। इसमें बैठे यात्रियों को बड़ी मुश्किल से सुरक्षित बाहर निकाला गया था। बैठक के बाद दिल्ली सरकार ने बताया कि मिंटो ब्रिज पर हो रहे जलभराव की पहचान कर ली गई है। अब दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर एक इमारत के सामने पाइप लगाई जा रही है, जहां नाली बंद कर दी गई थी। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और संगम विहार से विधायक दिनेश मोहनिया ने इसके लिए भाजपा मुख्यालय को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने सुरक्षा कारणों से बरसाती पानी की निकासी के लिए ब्रिटिश जमाने की बड़ी ड्रेन को भाजपा मुख्यालय के पास बंद कर इसे काली मंदिर के पास छोटे नाले से जोड़ा दिया गया था। वह नाला पानी का दबाव को नहीं झेल पा रहा है। इस कारण तेज बारिश में मिंटो रोड में जल जमाव हो जाता है।