5: सरकार ने साफ मना कर दिया है कि वह इस योजना को वापस नहीं लेगी, फिर आप क्या करेंगे?
पायलट: सरकार चलाने वालों को घमंड हो गया है कि वोट हमारे पास है। जो मर्जी हो निर्णय ले लें। महंगाई कितनी हो जाए, लेकिन भावनात्मक मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण से लोग वोट देंगे। यह देशहित में नहीं है। सरकार के मंत्री अहंकार में बोलते हुए नौकरी देने को अहसान बता रहे हैं। सरकार और मंत्री, सांसद, विधायक अपने वेतन-भत्ते खुद तय करते हैं। जबकि जो युवा धरती मां के लिए मरने को तैयार है, उसका वेतन और रिटायरमेंट की आयु भी हम तय करेंगे। यह युवाओं के हक मारने जैसा है। जनरल वीके सिंह अपनी सेवा बढ़ाने के लिए कोर्ट तक चले गए थे। पहले भी भाजपा नेता गांव-गांव जाकर कृषि कानून के फायदे गिनाते थे। माफी मांगकर एक झटके में वापस ले लिया। अब अग्निपथ को लेकर भी ऐसा किया जा रहा है। इस सरकार की नीति ही आक्रमण करने की रही है।