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Agneepath: हम एक समय की रोटी छोड़ देंगे, लेकिन फौजियों को सबकुछ देने को तैयार रहेंगे-सचिन पायलट

locationनई दिल्लीPublished: Jun 21, 2022 09:45:40 am

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Shadab Ahmed

Exclusive Interview with Sachin Pilot: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि सेना के शौर्य को दुनिया मानती है, लेकिन देश के वर्तमान हालात में बिना किसी अध्ययन के इसमें अमूलचूल बदलाव ठीक नहीं है। खुद फौजी परिवार से होने व टेरीटोरियल आर्मी (Army) के केप्टन (Captain) होने के नाते पायलट कहते हैं कि हम एक समय की रोटी छोड़ देंगे, लेकिन फौजियों को सबकुछ देने को तैयार रहेंगे। वह कहते हैं कि अग्निपथ सेना भर्ती योजना युवाओं के साथ देशहित में नहीं है। केन्द्र सरकार को इसे भी कृषि कानूनों की तरह वापस लेना पड़ेगा। पायलट ने यह बातें ‘पत्रिका’ के शादाब अहमद (Shadab Ahmed) से विशेष बातचीत में कहीं। उनसे बातचीत के मुख्य अंश

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1: अग्निपथ सेना भर्ती योजना का विरोध क्यों?

पायलट: देश में जो हालात बने हैं, उससे रेकॉर्ड बेरोजगारी है। सरकार ने हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था। फïौज में पिछले दो साल से भर्ती हुई नहीं। जिन लड?ों ने सुबह जल्दी उठकर तैयारी की थी, उन्हें बड़ी उम्मीद थी। अब चार साल का फौजी बनने की योजना लाकर युवाओं के साथ अन्याय किया है। इसके साथ ही फौज नाम, नमक, निशान पर करती है। फौजी अपनी मिट्टी व साथी के लिए गोली खाता है। यह जज्बा दो साल की ट्रेनिंग से पैदा नहीं होता। यदि सरकार को इसे करना भी था तो पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट की तरह दो-चार साल देखते हैं। दूरगामी प्रभाव देखते हैं। फिर जो कमियां होती उन्हें दूर कर इसे लागू करते। हम भी चाहते हैं फौज में सुधार होने चाहिए। यह भावनात्मक मुद्दा है।

2: भारत की सीमा पर उथल-पुथल के बीच इस तरह की योजना कारगर साबित होगी?

पायलट: देखिए, सेना के शौर्य, बलिदान और क्षमता का लोहा पूरी दुनिया मानती है। हमारी सबसे प्रोफेशनल फौज है। पाकिस्तान अस्थिर है और वहां कुछ भी हो सकता है। उसके पास परमाणु हथियार भी है। वहीं चीन हमारी सीमा के अंदर घुसे जा रहा है। हमारे सामने कश्मीर, चीन, पाकिस्तान सीमा, एलओसी जैसी चुनौतियां सामने खड़ी है। ऐसे समय में सेना में बिना किसी अध्ययन के अमूलचूल परिवर्तन कर छेड?ानी करना खतरनाक हो सकता है। यही वजह है कि रिटायर्ड कर्नल व जनरल इसे ठीक नहीं मान रहे हैं। साथ ही यह समय भी उचित नहीं है।

3: भाजपा नेता कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं?

पायलट: भाजपा वाले कांग्रेस पर सवाल खड़े करते हैं, लेकिन वह भूल जाते हैं कि इंदिरा गांधी ने ही 1 लाख पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया था। मेरे पिता राजेश पायलट ने 1971 की लड़ाई लड़ी थी। मैं खुद एयरफोर्स स्कूल में पढ़ा और फौज से जुड़ा व्यक्ति हूं। कभी भी एक फीसदी कुछ कमी नहीं चाहूंगा। हम एक समय की रोटी छोड़ सकते हैं, लेकिन फौजियों को सबकुछ देने को तैयार रहेंगे। जबकि भाजपा नेताओं की मानसिकता का पता कैलाश विजयवर्गीय के बयान से लग रहा है। रेगिस्तान, बर्फ और जंगलों में हमारे लिए खड़े होने वाले सैनिकों को भाजपा दफ्तर का गार्ड बनाना चाहते हैं। जबकि एक मंत्री सैनिकों को नाई, टेलर जैसे प्रशिक्षण की बात कर रहे हैं। यह फौज के मानसम्मान को धक्का पहुंचा रहे हैं।


4: आखिर किस तरह लागू होनी चाहिए थी योजना?

पायलट: फौज में करीब 1.10 लाख पद खाली पड़े हुए हैं। इसके बावजूद सरकार ऐसी योजना लेकर आई, जिसकी चर्चा संसद, संसदीय कमेटी में नहीं हुई। यहां तक कि हितधारकों से कोई संवाद नहीं किया गया। मनमाने तरीके से सारी भर्ती बंद कर एक प्रक्रिया को लागू कर दिया। नोटबंदी और जीएसटी की तरह इसमें भी बार-बार संशोधन करने पड़े रहे हैं। सरकार का यह राजनीतिक फैसला था और इसके बचाव में सेना के अधिकारियों को उतार दिया।

5:
सरकार ने साफ मना कर दिया है कि वह इस योजना को वापस नहीं लेगी, फिर आप क्या करेंगे?

पायलट: सरकार चलाने वालों को घमंड हो गया है कि वोट हमारे पास है। जो मर्जी हो निर्णय ले लें। महंगाई कितनी हो जाए, लेकिन भावनात्मक मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण से लोग वोट देंगे। यह देशहित में नहीं है। सरकार के मंत्री अहंकार में बोलते हुए नौकरी देने को अहसान बता रहे हैं। सरकार और मंत्री, सांसद, विधायक अपने वेतन-भत्ते खुद तय करते हैं। जबकि जो युवा धरती मां के लिए मरने को तैयार है, उसका वेतन और रिटायरमेंट की आयु भी हम तय करेंगे। यह युवाओं के हक मारने जैसा है। जनरल वीके सिंह अपनी सेवा बढ़ाने के लिए कोर्ट तक चले गए थे। पहले भी भाजपा नेता गांव-गांव जाकर कृषि कानून के फायदे गिनाते थे। माफी मांगकर एक झटके में वापस ले लिया। अब अग्निपथ को लेकर भी ऐसा किया जा रहा है। इस सरकार की नीति ही आक्रमण करने की रही है।
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