कुर्द और जर्मन शोधकर्ताओं की टीम ने इस शहर का पता लगाया। बांध क्षेत्र में खुदाई जनवरी में शुरू हुई थी। इस दौरान पुरातत्त्वविदों ने ताम्र युग का एक महल और कई विशाल बहुमंजिला इमारतों की खोज की। इनका इस्तेमाल शायद भंडारण और उद्योग-धंधों के लिए किया जाता होगा। इतने साल पानी में रहने के बावजूद शहर में दीवारें ठीक-ठाक हैं। अब तक माना जाता था कि 1350 ईसा पूर्व में आए भूकंप में शहर नष्ट हो गया था। इस वजह से यह खोज पुरातत्त्वविदों के लिए भी हैरान करने वाली है।
बारह साल पहले मिले थे संकेत
शोधकर्ताओं को केमुन शहर के बारे में सबसे पहले 2010 में संकेत मिले थे, लेकिन तब मोसुल बांध में पानी होने के कारण शोध का काम शुरू नहीं हो सका था। इराक इन दिनों भयंकर सूखे की चपेट में है। झुलसाने वाली गर्मी से फसलों को बचाने के लिए खुदाई के बावजूद मोसुल बांध के एक हिस्से में हाल ही पानी भरना पड़ा है। इससे पुरातत्त्वविदों को आगे का काम रोकना पड़ा है।
चीनी मिट्टी के बर्तन और तख्तियां
शहर में इमारतों की दीवारें मिट्टी की बनी हैं। वहां चीनी मिट्टी के पांच बर्तनों के अलावा मिट्टी की 100 से ज्यादा तख्तियां मिली हैं। बांध क्षेत्र में शोधकर्ताओं ने 2018 में एक महल का पता लगाया था। इसकी दीवारें 22 फीट ऊंची थीं, जिन पर रंग-बिरंगी नक्काशी की गई थी।