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राजधानी में शराब का संकट! दिल्ली में 45 दिन के लिए बंद रहेंगी वाइन शॉप्स

locationनई दिल्लीPublished: Sep 27, 2021 06:56:04 pm

राजधानी दिल्ली में आगामी 1 अक्टूबर से शराब की दुकानें बंद रहेंगी। 16 नवंबर तक बंद होने वाली इन दुकानों में निजी शराब विक्रेता शामिल रहेंगे क्योंकि वे नई शराब नीति से प्रभावित हुए हैं।

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शराब दुकान

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली स्थित शराब की दुकानों का नजारा आजकल बदला हुआ है। दुकानों की अलमारियां खाली हैं और बहुत कम माल मौजूद है। आगामी 16 नवंबर से लागू होने वाली नई शराब लाइसेंस नीति के चलते दिल्ली में लोग अपनी पसंद की शराब पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 16 नवंबर से नई शराब नीति लागू होने के कारण, दिल्ली में सभी निजी शराब की दुकानें 1 अक्टूबर से 16 नवंबर तक बंद रहेगी- जिससे दिल्ली में शराब का संकट पैदा हो गया है।
दिल्ली में कुल 849 वाइन शॉप

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत, 32 क्षेत्रों में सबसे अधिक बोली लगाने वालों को खुदरा शराब बिक्री लाइसेंस पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 10 वार्ड और 27 शराब विक्रेता हैं। वर्तमान में दिल्ली में 849 शराब की दुकानें हैं, जिनमें से 276 निजी रूप से संचालित होती हैं। जबकि बाकी दुनाकों का संचालन दिल्ली सरकार की एजेंसियां करती हैं।
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प्राइवेट ठेके रहेंगे बंद

इसलिए 1 अक्टूबर से केवल सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानें खुली रहने वाली हैं और निजी शराब की दुकानें 16 नवंबर तक बंद होने जा रही हैं। दिल्ली के 106 नगर निगम वार्डों के लिए यह एक बुरी खबर है जिसमें 16 नवंबर तक कोई भी शराब की दुकान नहीं खुलेगी। शहर में करीब 80 वार्ड ऐसे हैं जहां शराब का ठेका नहीं है।
इन वार्डों में केवल निजी दुकानें

26 वार्डों में फिलहाल केवल निजी स्वामित्व वाली शराब की दुकानें हैं जो 1 अक्टूबर से बंद हो जाएंगी। 26 नगरपालिका वार्ड जहां केवल निजी शराब की दुकानें हैं, उनमें आरके पुरम, एंड्रयूज गंज, लाजपत नगर, पटपड़गंज, राजौरी गार्डन, तुगलकाबाद, कोटला मुबारकपुर, इंद्रपुरी, रानी बाग, रोहताश नगर, जिलमिल और पांडव नगर शामिल हैं।
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क्या है यह नई शराब नीति?

दिल्ली सरकार ने इस साल जुलाई में अपनी नई शराब नीति सार्वजनिक की, जो शहर में शराब की दुकानों के समान वितरण के लिए जोर डालती है। इसमें प्रत्येक नगरपालिका वार्ड में कम से कम दो वातानुकूलित दुकानें, पांच सुपर-प्रीमियम स्टोर और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे में 10 स्टोर शामिल हैं। नीति में स्पष्ट किया गया है कि सरकार अपने उपक्रमों के माध्यम से शराब बेचने के कारोबार से बाहर हो जाएगी।
क्यों लागू की नई शराब नीति

सरकार ने नई नीति के तहत खुदरा विक्रेताओं (रिटेलर्स) की स्थापना के लिए बोलियां आमंत्रित कीं ताकि सिंडिकेट के गठन को रोका जा सके और किसी एक ही ब्रांड की ही बिक्री ना हो सके। पुरानी नीति के विपरीत जिसमें लाइसेंसधारी को एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) पर कोई छूट, फायदा देने की अनुमति नहीं है, नई नीति में इन मामलों पर फैसला लेने का हक लाइसेंसधारक पर छोड़ दिया गया है।
दुकानों के लिए नियम

नीति में कहा गया है कि प्रत्येक विक्रेता को वॉक-इन अनुभव प्रदान करना होगा और दुकान को उसी के अनुसार डिजाइन किया जाएगा। उदाहरण के लिए, ग्राहकों को किसी दुकान के बाहर या फुटपाथ पर भीड़ लगाने और काउंटर से खरीदारी करने की अनुमति नहीं होगी। प्रत्येक ग्राहक को दुकान के अंदर प्रवेश दिया जाएगा और संपूर्ण चयन और बिक्री प्रक्रिया को दुकान परिसर के भीतर ही पूरा किया जाएगा। दुकान में कांच के बंद दरवाजे होंगे और उसके भीतर एयरकंडिशनर चलाया जाना चाहिुए।
शराब
ठेके के बाहर नहीं मिलेगा चखना

लाइसेंसधारी यह सुनिश्चित करेगा कि दुकान के ठीक बाहर कोई ड्राई स्नैक्स या खाने-पीने वाले भोजन आउटलेट न खुलें जो लोगों को शराब पीने और दुकान के आसपास ही घूमने के लिए प्रोत्साहित करे।
तस्करी रोकने की कोशिश

नई नीति के तहत हरियाणा, यूपी से होने वाली शराब की बड़े पैमाने पर तस्करी से बचने के लिए दिल्ली में शराब के ब्रांड की कीमत पड़ोसी राज्य जैसे हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान की खुदरा दुकानों से इनपुट लेने और उत्पाद की कीमत को ध्यान में रखकर तय की जाएगी।
पर्याप्त आपूर्ति के निर्देश

इस बीच, दिल्ली सरकार ने थोक विक्रेताओं और सरकारी दुकानों से राष्ट्रीय राजधानी में शराब की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने को कहा है। यह निर्देश विक्रेताओं और व्यापारियों को त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए पारित पास किया गया था, जो अब नजदीक है और इस दौरान शराब की मांग बढ़ना तय है।
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