नई दिल्ली

दुनिया की सबसे स्थिर अर्थव्यवस्था में शुमार Australia पर क्यों पड़ी मंदी की मार, अमरीका भी बेहाल

Highlights

करीब 30 साल के बाद ऑस्ट्रेलिया (Australia) पर मंदी का असर, मेलबर्न की आर्थिक गतिविधियां ठप होने के कारण आई गिरावट।
अमरीका (America) में बेरोजगारी दर काफी अधिक है, सबसे अधिक यहां रह रहे अश्वेतों पर असर पड़ा है।

नई दिल्लीSep 02, 2020 / 04:36 pm

Mohit Saxena

आखिर क्यों हुआ ऑस्ट्रेलिया मंदी का शिकार।

वाशिंगटन। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण ऑस्ट्रेलिया (Australia) की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। 11 मार्च के बाद दुनियाभर में लॉकडाउन की खबरें सामने आती रहीं। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया भी जुड़ा और यहां पर आर्थिक गतिविधियां बंद हो गईं। करीब 30 साल के बाद यहां पर मंदी का असर देखा जा रहा है। 1991 में ऑस्ट्रेलिया ने मंदी की मार को झेला था।
अमरीका स्थितियां सामन नहीं

वहीं अमरीका की बात करें तो यहां भी अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहाल बताई जा रही है। यहां पर बेरोजगारी दर काफी अधिक है। अमरीका में अभी भी कोरोना के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। ऐसे में यहां पर स्थितियां सामान्य नहीं हो पा रही हैं। अमरीका के अश्वेतों में बेरोजगारी दर 16.7 फीसदी तक जा चुकी है, यह फरवरी के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है और साल 2010 के बाद सबसे अधिक है।
ऑस्ट्रेलिया में क्यों पड़ी मंदी की मार

ऑस्ट्रेलियाई ब्यूरो ( Australian Bureau of Statistics) के अनुसार यह गिरावट काफी तेज है। अब तक ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या 26 हजार तक पहुंच चुकी है। वहीं 663 कोरोना से संक्रमितों लोगों की मौत हो चुकी है। देश में इस समय सबसे अधिक संक्रमण के मामले मेलबर्न में देखने को मिल रहे हैं। यहां की सरकार ने अनुमान लगाया था कि तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर लौट आएगी। ऐसा इसलिए माना जा रहा था कि क्योंकि कोरोना वायरस के कारण लागू प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। मगर ऐसा नहीं हो सका।
ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था में सात फीसदी गिरावट

मंदी का सबसे बड़ा कारण देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मेलबर्न में जरूरी व्यापार का ठप होना है। जून माह के तिमाही आंकड़ों के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था में सात फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। ऑस्ट्रेलियन स्टैटिस्टिक्स ब्यूरो के मुताबिक मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था 0.3 फीसदी गिरी थी। इसके बाद देश में लॉकडाउन की स्थिति में जून तिमाही में हालात खराब हो गए। इस दौरान देश में निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। ब्यूरो के अनुसार इसके पीछे वैश्विक महामारी और उससे नीतियों को जिम्मेवार माना गया है।
निजी क्षेत्र में सबसे अधिक गिरावट

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार निजी क्षेत्र में 17.6 फीसदी की गिरावट देखी गई है। ये क्षेत्र ट्रांसपोर्ट सेवा, होटल, कैफे और रेस्टोरेंट से जुड़े है। लॉकडाउन में इन क्षेत्रों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया राज्यों में स्थिति बेहद खराब है। इन राज्यों में 8.6 और 8.5 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है।

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