इसी बीच मंगलवार सुबह यशंवत सिन्हा के एक ट्वीट ने इन अटकलों को और बल दे दिया है। टीएमसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा, “टीएमसी में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दिया, उसके लिए मैं ममता जी का आभारी हूं। अब एक समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करना होगा। मुझे यकीन है कि वह इस कदम को स्वीकार करती हैं।”
बता दे, राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से दिग्गज नेताओं ने इनकार कर दिया। NCP के अध्यक्ष शरद पवार ने जब ना कर दिया तो इस मुहिम में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तरफ से दो नाम सुझाए गए थे। पहला नाम जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला और दूसरा पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी का था। हालांकि इन दोनों लोगों ने भी अलग अलग वजहों से अपने नाम वापस ले लिए।
यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल विधानसभा में पैगंबर मामले में नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रस्ताव पास
यह भी पढ़ें
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप, कहा – ‘अग्निपथ के जरिए BJP बनाएगी अपना कैडर बेस’
वहीं अब टीएमसी की तरफ से यशवंत सिन्हा का नाम सुझाने की तैयारी है। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के इस ट्वीट ने राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मी को बढ़ा दिया है। बता दें, यशवंत सिन्हा भाजपा का दामन छोड़कर टीएमसी में शामिल हुए थे। यशवंत सिन्हा 1960 में IAS के लिए चुने गए थे, उन्होंने 12वां स्थान प्राप्त किया था। वहीं उन्होंने 2009 का चुनाव जीता था, मगर 2014 में उन्हें बीजेपी का टिकट नहीं दिया गया। जिस वजह से उन्होंने धीरे-धीरे नरेंद्र मोदी से दूरी बना ली और 2018 में 21 वर्ष तक बीजेपी में रहने के बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल विधानसभा में पैगंबर मामले में नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रस्ताव पास