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बेफ्रिकी का आलम: कई टन मावा पहुंच चुका दुकानों पर, क्योंकि बस स्टैंड और स्टेशन पर नहीं दिया ध्यान

-रक्षाबंधन पर मिलावटी मावे की खेप पकडऩे में अब तक खाद्य विभाग की टीम रही फेल

दमोहAug 14, 2024 / 11:44 am

आकाश तिवारी

-रक्षाबंधन पर मिलावटी मावे की खेप पकडऩे में अब तक खाद्य विभाग की टीम रही फेल

दमोह. रक्षाबंधन का पर्व नजदीक है। ५ दिन बाद जिले भर में उत्साह से बहने अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधेंगी और मुंह मीठा करेंगी। इस त्योहार मिठाई की डिमांड भी बढ़ जाती है। मिलावटी मावा से बनी मिठाईयां मुंह का जायका भले न बिगाड़े, पर पेट से संबंधित गंभीर बीमारियां जरूर दे सकती हैं। बता दें कि मिलावटी मावे की खेप लगातार शहर की सीमा में आ रही हैं और यहां से मिष्ठान विक्रेताओं तक पहुंच रही हैं। इधर, खाद्य विभाग की टीम हमेशा की तरह अमला कम होने का रोना रो रही है। त्योहार के समय यह मिलावट चरम पर होती है, क्योंकि दूध, मावे की मांग काफी होती है और इससे व्यापारियों को मुनाफा होता है। यही कारण है कि मिलावटखोरों द्वारा सिंथेटिक दूध, मावा और अन्य सामान धड़ल्ले से तैयार किया जाता है। इसमें प्रयोग की जाने वाली चीजें इतनी घातक होती हैं कि कल्पना भी नहीं की जा सकती।
-नेटवर्क की कमी, अब तक नहीं पकड़ा मिलावटी मावा
खाद्य विभाग की टीम के पास मजबूत नेटवर्क कमी है। इस वजह से अधिकारियों को यह नहीं पता चल पाता कि भिंड, मुरैना और ग्वालियर के रास्ते जिले से कब और कितने बजे मिलावटी मावा आ रहा है। खासबात यह है कि मिलावट के इस कारोबार को रोकने के लिए बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर चैकिंग प्वाइंट नहीं बनाए गए हैं। या यूं कहें कि खाद्य विभाग की टीम इन दोनों जगहों पर चैकिंग नहीं कर रही है। वैसे देखा जाए तो जांच की जिम्मेदारी स्टेशन पर मौजूद रेलवे के पुलिस जवानों की भी होती है, लेकिन वह भी आंख बंद किए रहते हैं। लचर व्यवस्था का फायदा उठाकर मिलावट का अवैध करोबार करने वाले लोग बड़ी आसानी से मिलावटी मावा खपा रहे हैं और मुनाफ कमाने में जुटे हैं।
-१० टन बिक्री का अनुमान
आगामी रक्षाबंधन त्योहार पर जिले भर में अनुमानित १० टन मिठाई की बिक्री होती है। शहर में ही करीब देढ़ सौ से ज्यादा दुकानों पर मिठाईयों का विक्रय होता है। बात करें जिले भर की तो पूरे जिले में एक हजार से अधिक मिष्ठान दुकानें होंगी। मिलावट का कारोबार करने वाली दुकानों पर मीठा जहर भी बेचे जाने की तैयारी चल रही है।
-दुकानों पर लिए जा रहे सैंपल
खाद्य विभाग की टीम द्वारा त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की जा रही है। लेकिन जहां से यह मिलावटी मावा पकड़ा जा सकता है। वहां पर टीम फैल साबित हो रही है। अधिकारी बताते हैं कि बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर चैकिंग के लिए जाते हैं, लेकिन बसों की जांच के दौरान कुछ नहीं मिलता।
ऐसे करें असली-नकली मावे से बनी मिठाईयों की पहचान
-खोए के जरा से टुकड़े को हाथ के अंगूठे पर थोड़ी देर के लिए रगड़ें, यदि इसमें मौजूद घी की महक अगर देर तक अंगूठे पर टिकी रही तो समझ लीजिए मावा एकदम शुरू।
-हथेली पर मावे की एक गोली बनाएं और उसे देर तक दोनों हथेलियों के बीच घूमाते रहें। यदिये गोली फटने लगे तो समझ जाइए कि मावा नकली या मिलावटी है।

-5 मिलीलीटर गर्म पानी में करीब 3 ग्राम खोवा डालें थोड़ी देर ठंडा होने के बाद इसमें आयोडीन सॉलूशन डालें। इसके बाद आप देखेंगे कि नकली खोए का रंग धीरे-धीरे नीला पडऩे लगता है
-आप चाहें तो मावा खाकर भी असली-नकली की परख कर सकते हैं। यदि मावे में चिपचिपाहट महसूस हो रही है तो समझ लीजिए कि वो खराब हो चुका है।

वर्शन

हमारे द्वारा स्वयं से व शिकायतों के आधार पर मिष्ठान दुकानों पर सैंपलिंग की जा रही है। नमूने भी जांच में लिए जा रहे हैं। जहां तक बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर चैकिंग की बात है तो मुखबिरों को एक्टिव कर दिया है, जैसे ही जानकारी मिलेगी। तुरंत छापेमार कार्रवाई करेंगे।
राकेश अहिरवार, डीओ खाद्य एवं औषधी प्रशासन

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