scriptयह भी खूबः ठंड का सीजन खत्म हुआ, अब तक 1500 स्टूडेंट को नहीं मिले ब्लेजर | Blazers and stationery were not bought for 1500 students of Kanya Shiksha Parisar in tribal area. Blazers and stationery were not bought for 1500 girls in tribal minister Shah's area. Seven months passed in tussle between two officers, responsible spectators. Blazers and stationery were not bought for 1500 students of Kanya Shiksha Parisar in tribal area. | Patrika News
खंडवा

यह भी खूबः ठंड का सीजन खत्म हुआ, अब तक 1500 स्टूडेंट को नहीं मिले ब्लेजर

हैरानी की बात तो यह कि दिसंबर, जनवरी में कड़ाके की ठंड बीतने के बावजूद छात्रों को ब्लेजर तक नहीं खरीदे गए।

खंडवाFeb 25, 2025 / 04:45 pm

Rajesh Patel

Tribal School Khandwa

जनजातीय कार्य विभाग के कन्या शिक्षा परिसर में जुलाई से अब तक छात्रों को ब्लेजर, स्टेशनरी, प्रसाधन सामग्री का वितरण नहीं किया गया ।

जनजातीय कार्य विभाग कार्यालय से लेकर कन्या शिक्षा परिसर और आदर्श आवासीय विद्यालयों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। तभी तो चालू शैक्षणिक सत्र में डेढ़ हजार छात्रों को सात माह बाद भी स्टेशनरी समेत अन्य सामग्री उपलब्ध नहीं हो सकी। हैरानी की बात तो यह कि दिसंबर, जनवरी में कड़ाके की ठंड बीतने के बावजूद छात्रों को ब्लेजर तक नहीं खरीदे गए। दिलचस्प यह कि अभी तक सामग्री की खरीदी भी नहीं हुई है।

पांच फरवरी की स्थित में सामग्री का वितरण नहीं

आदिवासी क्षेत्र में जनजातीय कार्य विभाग की कन्या शिक्षा परिसर रजूर, खेडी ( संदलपुर ), आशापुर, पंधाना, पुनासा समेत रोशनी स्थिति एकलव्य विद्यालय में छात्रों को जुलाई से लेकर पांच फरवरी की स्थित में सामग्री का वितरण नहीं हुआ। नियम है कि जुलाई से 30 सितंबर के बीच स्टेशनरी समेत प्रसाधन सामग्री छात्रों को वितरण होनी चाहिए। इसी तरह अक्टूबर से नवंबर के बीच छात्रों को ब्लेजर उपलब्ध कराना है। दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड बीत गई। इसके बावजूद ब्लेजर की आपूर्ति नहीं हो सकी। वितरण तो खरीदी की प्रक्रिया तक पूरी नहीं कर सके हैं।

प्रति छात्र गणवेश राशि 1500 रुपए

शासन की ओर से कन्या शिक्षा परिसर और आदर्श आवासीय विद्यालयों में बालक व छात्रों के लिए गणवेश राशि निर्धारित की है। इसमें बालकों के लिए प्रति छात्र 1500 ( ब्लेजर, शर्ट, टाउजर, मोजा, स्कूल शूज ) रुपए निर्धारित है। इतनी ही राशि में बालिकाओं के लिए ( ब्लेजर, कुर्ता, सलवार, दुपट्टा, मोजा, स्कूल शूज ) रुपए तय किया गया है। इसके अलावा 6 वीं, 9 वीं और 11 वीं के छात्रों के लिए ब्लेजर कोर्ट के लिए 1500 रुपए प्रति नग जारी किए गए हैं। इसी तरह प्रति छात्राओं के लिए एक-एक हजार रुपए प्रसाधन की राशि अलग-अलग से मिलनी है।

छात्रों सीबीएसई फीस के साथ अन्य गतिविधियों का खर्च

सीबीएसई फीस में प्रति संस्था स्तर पर खेलकूद सामग्री के लिए 2000, खेलकूद आयोजन 30000, सांस्कृतिक गतिविधियां 25000, शैक्षणिक भ्रमण 50000, संधारण राशि 200000, प्रयोगशाला बायोलॉजी 10,000, फिजिक्स 10,000 केमिस्ट्री 20000, टेलीफोन इंटरनेट 36000, समाचार पत्र500, आकस्मिक व्यय 30000 रुपए प्रति संस्था की दर से शासन दे रही है।

जुलाई से अक्टूबर-नवंबर तक खींचतान में फंसी रही खरीदी की प्रकिया

जनजातीय कार्यालय में चालू शैक्षणिक सत्र में जुलाई से लेकर अक्टूबर व नवंबर तक कन्या शिक्षा परिसर और आदर्श आवासीय विद्यालयों में सामग्री खरीदी के समय तत्कालीन समय जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त एवं परियोजना मंडल प्रशासन के बीच खींचतान चलती रही। इससे पहले तत्कालीन कलेक्टर ने संयुक्त कलेक्टर अंशु जावला से 1100 छात्रों की तकिया, चादर की जांच कराई थी। गुणवत्ता ठीक नहीं मिलने पर सामग्री रिटर्न कर दी गई थी। सामग्री खरीदी के विवाद के बीच शासन ने नए सहायक आयुक्त आशा चौहान को पदस्थ किया। तब से लेकर अब तक सामग्री खरीदी को लेकर खींचतान की स्थिति बनी रही।

फैक्ट फाइल

मद कन्या शिक्षा परिसर आदर्श आवासीय स्कूल

बिस्तर ( 6 वीं नवीन ) 5875             5875

बिस्तर 7-12 नवीनीकृत 700             700

शिष्यवृत्ति             15000             14600

पोषण आहार             1000             1000

गणवेश                         1500             1500
ब्लेजर कोट             1500             1500

प्रसाधन सामग्री             1000             1000

पाठ्य पुस्तक             1000             1000

स्टेशनरी                        2000                  2000

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नोट-प्रति छात्र की दर से शासन की ओर से जारी की गई राशि।

कन्या शिक्षा परिसर और आदर्श आवासीय विद्यालय के प्राचार्यों की बैठक 11 फरवरी को बुलाई गई है। अब तक सामग्री खरीदी की समीक्षा करेंगे। इससे पहले भी प्राचार्यों को सामग्री खरीदी की जानकारी ली गई थी। तब बजट कम होने के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। बजट आने के बाद खरीदी की प्रकिया प्रचलन में है।
विवेक पांडेय, जनजातीय कार्य विभाग, सहायक आयुक्त

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