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कावेरी जल विवाद : पूरे तमिलनाडु में दिखा बंद का असर, यातायात रहा ठप

locationनई दिल्लीPublished: Apr 05, 2018 10:22:24 am

Submitted by:

Manoj Sharma

कावेरी जल विवाद को लेकर तमिलनाडु में तीसरे दिन भी बंद का असर दिखाई दिया।

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नई दिल्ली। कावेरी जल विवाद को लेकर तमिलनाडु में बंद का असर दिखाई दिया। चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में यातायात प्रभावित रहा। बाजार में सभी दुकाने बंद रहीं। बुधवार को सरकार के साथ विपक्षी पार्टियां भी इस आंदोलन में शामिल हुईं। इस मामले में दक्षिण के सुपर स्टार कमल हासन ने ट्वीट करके पीएम नरेंद्र मोदी से गुजारिश की है कि जल्द से जल्द कावेरी वाटर मैनेमेंट बोर्ड का गठन किया जाए, ताकि 16 साल से चल रहे इस विवाद का अंत हो सके।
राजनीतिक साजिश का शिकार बताया

वहीं डीएमके के नेता एमके स्टालिन ने इस मुद्दे को राजनीतिक साजिश का शिकार बताया है। उन्होंने राज्य में चली रही पलानीस्वामी सरकार को बीजेपी का गुलाम बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फरवरी 2016 के फैसले को लागू करवाने में नाकाम रही है। राज्य सरकार केंद्र पर दबाव बनाने की बजाय अपनी गद्दी को बचाने में लगी है।
मुख्यमंत्री अनशन पर बैठे

बुधवार को खुद मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम अनशन पर बैठे। इस दौरान सडकों पर डीएमके के कार्यकर्ताओं ने रबर के चहूओं को मुंह में दबाकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जगह—जगह प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि दोनों ही सरकारों ने इस समस्या के हल के लिए कुछ नहीं किया है। विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार ने अभी तक कावेरी वाटर मैनेजमेंट बोर्ड का गठन नहीं किया है। इस समस्या जस की तस बनी हुई है।
कई कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार

बुधवार को ऋचि में प्रदर्शन के दौरान निर्दलीय पार्टी से विधायक टीटीवी दिनाकरन के साथ करीब 100 से अधिक लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान पुलिस कस्टडी में प्रदर्शनकारियों से डीएमके के नेता एमके स्टालिन भी मिलने भी पहुंचे।
क्या है विवाद
दशकों से चले आ रहे कावेरी जल विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि नदी के पानी पर किसी भी राज्य का मालिकाना हक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद ट्राइब्यूनल के फैसले के मुताबिक, तमिलनाडु को जो पानी मिलना था, उसमें कटौती की थी तो बेंगलुरु की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक को मिलने वाले पानी की मात्रा में 14.75 टीएमसी फीट का इजाफा किया था। कोर्ट ने कहा था कि कावेरी के पानी के मामले में उसका फैसला अगले 15 सालों के लिए लागू रहेगा।
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