बता दें कि लोकसभा चुनाव (lok sabha election 2024) के प्रचार के दौरान महापौर ने कांग्रेस छोडकऱ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इसका कारण उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ (nakul nath) के साथ असहमति और आदिवासियों का अपमान करना बताया था। इसके बाद उन्होंने तन-मन से भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। उनके मामले में नया मोड़ तब आया, जब विक्रम अहके ने मतदान के दिन 19 अप्रेल को कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ के पक्ष में मतदान करने की अपील कर दी और स्वयं को कांग्रेस में ही रहना बताया। इससे मतभ्रम की स्थिति मतगणना के बाद भी बनी रही।
इस बीच सांसद बंटी साहू (banti sahu) के निर्वाचित होने के बाद महापौर उनके साथ दिखाई दिए, बधाइयां दी। इस पर भी उन्होंने अपनी दलीय स्थिति साफ करने के लिए इंतजार करने को कहा। अब जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (mp cm dr mohan yadav) छिंदवाड़ा आए तो महापौर उनसे मिले और चर्चा की। इसके बाद उन्होंने भगवा पट्टा धारण कर सीएम के साथ जन आभार यात्रा और दशहरा मैदान का मंच साझा किया।
फाइनली भाजपा के साथ
भाजपा के साथ नई एमआईसी महापौर विक्रम अहके ने पत्रिका से बातचीत में साफ कहा कि अब वे भाजपा के साथ हैं। सीएम के साथ यात्रा और मंच साझा किया और उनसे विकास के मुद्दे पर बातचीत की। अहके ने आगामी कार्ययोजना पर कहा कि वे भाजपा पार्षदों के साथ निगम में नई एमआईसी का गठन करेंगे। इसके साथ ही शहर विकास को आगे बढ़ाएंगे। Mp Teacher Recruitment: 8720 शिक्षकों की भर्ती शुरू, नए सत्र में मिलेगी ज्वाइनिंग कांग्रेस के 13 पार्षद पहले ही भाजपा में आए
यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के 13 पार्षद और सभापतियों ने भाजपा की सदस्यता ली थी। इससे निगम के 48 पार्षदों में भाजपा पार्षदों की संख्या 33 हो गई है। अब महापौर ने भी पुन: भाजपा में प्रवेश की पुष्टि कर दी है। अब नई एमआईसी का गठन होगा और भाजपा परिषद अस्तित्व में आ जाएगी। इससे अब निगम अध्यक्ष की कुर्सी पर भी खतरा मंडराता नजार आ रहा है।