छिंदवाड़ा…ये बन गए प्रभारी मंत्री तो फिर देखिए
खासकर छिंदवाड़ा के लिए पीएचई मंत्री संपत्तिया उइके का नाम तेजी से आगे बढ़ा है तो वहीं विकल्प के तौर पर ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल व नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी भाजपा नेताओं की जुबानी सुना जा रहा है।
छिंदवाड़ा.मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की सरकार में प्रभारी मंत्री के नाम की सुगबुगाहट तेज होती जा रही है। खासकर छिंदवाड़ा के लिए पीएचई मंत्री संपत्तिया उइके का नाम तेजी से आगे बढ़ा है तो वहीं विकल्प के तौर पर ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल व नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी भाजपा नेताओं की जुबानी सुना जा रहा है। कहा जा रहा है कि भविष्य में कभी भी प्रभारी मंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है। जिससे सरकारी कामकाज को गति दी जा सकती है।
देखा जाए तो पिछले छह माह में प्रदेश सरकार सरकारी कामकाज की दृष्टि से अभी लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव तथा बजट से फ्री हुई है। इसके बाद क्षेत्रीय नेताओं का ध्यान कामकाज पर केन्द्रित हुआ है। भाजपा नेताओं की सुनें तो प्रशासनिक कार्य को गति देने के लिए प्रभारी मंत्री की जरूरत है, जिससे जिले के प्रोजेक्ट पर विचार-विमर्श कर उसे आगे बढ़ाया जाए। इसके लिए छिंदवाड़ा से लेकर भोपाल तक प्रयास किए जा रहे हैं। कोशिश यह है कि प्रभारी मंत्री ऐसा हो कि जिले में पार्टी के सभी गुटों की बराबर पूछपरख की जाए। उनसे चर्चा के साथ ही हर विकासात्मक प्रोजेक्ट को आगे गति दी जाए। इसके बिना प्रशासनिक कामकाज में गति नहीं आ पाएगी।
प्रभारी मंत्री पद के लिए जिले भर में भाजपा नेताओं की जुबानी दो नाम फिलहाल सुर्खिया बटोर रहे हैं। इनमें पीएचई मंत्री संपत्तिया उइके, प्रहलाद पटेल का नाम है। इसके अलावा नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के लिए भाजपा नेता-कार्यकर्ता प्रयासरत है। भाजपा नेताओं का कहना है कि छिंदवाड़ा जिले में पहले की अपेक्षा भाजपा नगर निगम, जिला पंचायत समेत अन्य निकायों में प्रभावशाली हो गई है। ऐसे में प्रभारी मंत्री आ जाए तो हर कामकाज को अपेक्षाकृत गति मिलेगी।
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ये कामकाज जिनके लिए चाहिए प्रभारी मंत्री
1.59 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रधानमंत्री खनिज फंड के संचालन तथा आवंटन की जरूरत।
2.नर्मदाघाटी, कन्हान समेत अन्य सिंचाई परियोजनाओं को गति देने प्रभावशाली मंत्री की आवश्यकता।
3.नगर निगम के ट्रांसपोर्ट नगर, भरतादेव पार्क, मिनी स्मार्टसिटी के काम में पावर सेंटर की जरूरत।
4.शहरी और ग्रामीण स्तर की सडक़, नाली, पुलिया के आवंटन के लिए धनराशि का इंतजाम।
5.मेडिकल साइंस कॉलेज व जिला जेल, विश्वविद्यालय भवन समेत अन्य पुराने प्रोजेक्ट को गति देने की जरूरत।
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गठन के बाद नहीं हो पाई जिला योजना समिति की बैठक
वर्ष 2023 के पहले जिला योजना समिति का गठन किया गया था। जिसमें अधिकांश सदस्य कांग्रेस के निर्वाचित हो गए थे। तब से अब तक एक भी बैठक नहीं हो पाई है। पूर्व प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने कभी रूचि नहीं ली थी। अब ऐसा प्रभारी मंत्री की जरूरत है, जिससे ये बैठक हो जाए। अब कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा के सदस्य बढ़ गए हैं। इससे इस समिति की बैठक को रखा जा सकता है।
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