scriptकुर्सी का खेल…कब आएंगे साहब,प्रभारियों के भरोसे जिला | Patrika News
समाचार

कुर्सी का खेल…कब आएंगे साहब,प्रभारियों के भरोसे जिला

-जिला मुख्यालय में लम्बे समय से नहीं हुई नियुक्तियां, नवगठित पांढुर्ना जिले में भी रिक्त पड़े पद

छिंदवाड़ाMay 16, 2024 / 05:27 pm

manohar soni

छिंदवाड़ा.एक दर्जन से अधिक सरकारी विभागों में इस समय विभागीय अफसरों की कुर्सियां खाली पड़ी है। प्रभारियों के कंधों पर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और सरकारी कामकाज का भार है। जिला मुख्यालय में लम्बे समय से नियुक्तियां नहीं हो पा रही है। कभी ट्रांसफर भी हो रहे हैं तो अधिकारी की पसंद अब छिंदवाड़ा नहीं रह गया है। नवगठित पांढुर्ना जिले में तो विभागीय अधिकारियों के पद ही नहीं भरे गए है। जून-जुलाई में तबादले हुए, तब ही कुछ उम्मीद की जा सकती है।
देखा जाए तो राज्य स्तर पर सरकारी कर्मचारियों की भर्ती पिछले एक दशक से नहीं हुई है। इससे पुराने कर्मचारी जैसे-जैसे रिटायर हो रहे हैं, उनके पद ही समाप्त किए जा रहे हैं। अधिकारियों की भी हर विभाग में कमी देखी जा रही है। जिला मुख्यालय में पीएचई, जल संसाधन, सहकारी बैंक, ग्रामीण यांत्रिकी, महिला बाल विकास विभाग, मेडिकल कॉलेज में स्थायी विभागीय अधिकारी के पद खाली पड़े हैं। पांढुर्ना को जिला जरूर बनाया गया है लेकिन विभागीय अधिकारी पदस्थ नहीं किए गए हैं। उसे छिंदवाड़ा के अधिकारी देख रहे हैं।
पिछले छह माह से यह स्थिति बन रही है। सत्तारूढ़ दल के कोई जनप्रतिनिधि नहीं होने से नई नियुक्तियों पर ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है। इससे सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं मैदानी स्तर पर प्रभावित हो रही है। सरकारी कामकाज कहीं बजट के अभाव तो कहीं ढुलमुल कार्यशैली से ठप पड़े हैं।

पीएचई के दो ईई नहीं, अधीक्षण यंत्री भी 31 तक

जिला मुख्यालय में ही देखा जाए तो पीएचई विभाग सबसे ज्यादा बदहाल है। छिंदवाड़ा डिवीजन के कार्यपालन यंत्री मनोज बघेल के मार्च में निलंबित होने के बाद कोई भी ईई नहीं आया है। पहले से ही परासिया डिवीजन खाली पड़ा है। अभी अधीक्षण यंत्री एससी सूर्यवंशी के पास प्रभार है। वे भी 31 मई को रिटायर हो जाएंगे। तब तो पूरा विभाग अधिकारी विहीन हो जाएगा। नए अधिकारी अब तक नहीं आ पाए हैं। इस स्थिति में सरकार की जल जीवन मिशन की योजना बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

सामाजिक न्याय विभाग डिप्टी कलेक्टर के पास

ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के एक डिवीजन में ईई संजीव सनोडिय़ा के ट्रांसफर के बाद दूसरे की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इसी तरह पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग के उपसंचालक और जिला पंचायत के एडीशनल सीइओ एसके गुप्ता के रिटायरमेंट के बाद उनकी कुर्सी का प्रभार डिप्टी कलेक्टर सिद्धार्थ पटेल को सौंपा गया है।

मेडिकल कॉलेज में भी नहीं आए नए डीन

मेडिकल कॉलेज में नए डीन के रूप में डॉ.अक्षय निगम की नियुक्ति हुई थी। वे ग्वालियर से यहां आने को तैयार नहीं हुए। मजबूरी में प्रभारी डीन का काम डॉ.विवेकानंद बाघमारे देख रहे हैं। इसी तरह इस माह स्वास्थ्य विभाग में सीएमएचओ डॉ. जीएस चौरसिया 31 मई को रिटायर हो जाएंगे। यह विभाग भी जून में प्रभारी के भरोसे हो जाएगा।

तहसीलों में भी प्रभारी तहसीलदार और नायब

जिले की 13 तहसीलों में इस समय अधिकांश में प्रभारी तहसीलदार और नायब तहसीलदार है, जिनके भरोसे प्रशासनिक कामकाज के अलावा कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है। राजस्व विभाग में दूसरे कर्मचारियों के पद भी खाली पड़े हैं।

इन विभागों को भी देख रहे प्रभारी अधिकारी

जल संसाधन, महिला बाल विकास, नगरीय प्रशासन, पीजी कॉलेज और सहकारी बैंक में भी लम्बे समय से विभागीय अधिकारी नहीं है। प्रभारियों के भरोसे विभाग चलाया जा रहा है। इसी तरह दूसरे विभागों में तलाश किया जाए तो अधिकांश पद खाली मिलेंगे।
…..

Hindi News/ News Bulletin / कुर्सी का खेल…कब आएंगे साहब,प्रभारियों के भरोसे जिला

ट्रेंडिंग वीडियो