Gujarat: सूमूल डेयरी में सरकार की दो प्रतिनिधियों की नियुक्ति गैरकानूनी, गुजरात हाईकोर्ट ने रद्द की नियुक्ति
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Gujarat: सूमूल डेयरी में सरकार की दो प्रतिनिधियों की नियुक्ति गैरकानूनी, गुजरात हाईकोर्ट ने रद्द की नियुक्ति
अहमदाबाद. राज्य सरकार ने सूरत की सूमूल डेयरी में राज्य सरकार की ओर से नियुक्त किए गए दो प्रतिनिधियों की नियुक्ति को गैरकानूनी ठहराते हुए नियुक्ति को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही गत चार सितम्बर को डेयरी के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के लिए आयोजित चुनाव के परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है।
न्यायाधीश संगीता विशेन ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार की ओर से नियुक्त दो प्रतिनिधि मूलभूत रूप से बोर्ड के सभासद के लिए योग्य नहीं हैं। क्योंकि जिन दो सदस्यों की नियुक्ति हुई थी वे राकेश सोलंकी चुनाव में हार गए थे और दूसरे सदस्य योगेश राजपूत का नामांकन पत्र रद्द किया गया था। इसलिए राज्य सरकार की ओर से प्रतिनिधियों की नियुक्ति मूल रूप से या मेरिट के हिसाब से अवैध है। राज्य सरकार को प्रतिनिधियों की नियुक्ति से पहले चयनित सदस्यों या बोर्ड को सुनना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो यह न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत के खिलाफ होगा।
इस मामले में सूमूल बोर्ड के सदस्य भरत पटेल और सुनील गामित ने याचिका दायर की थी। इस यचिका में कहा गया था कि जिला रजिस्ट्रार की ओर से ऐसे दो सदस्यों की नियुक्ति की गई है जो चुनाव हार गए हैं और जिनका नामांकन पत्र भी रद्द किया जा चुका है। इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट के अब इस फैसले से राज्य सरकार किसी भी हारे हुए उम्मीदवार की नियुक्ति सरकार के प्रतिनिधि के रूप में नहीं कर सकती।