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एचआरटीसी और निजी बसों की हालत खस्ता
दूसरे राज्यों के लिए रूट मर्ज करने और 50 फीसदी सवारियों का नियम लागू करने के बाद एचआरटीसी सहित निजी बस संचालकों की हालत खस्ता होती जा रही है। सवारियां नहीं मिलने के कारण एचआरटीसी के प्रदेश भर में 50 फीसदी रूट बंद हो गए हैं। एचआरटीसी क्षेत्र रीजनल मैनेजर सुरेश धीमान का कहना है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के 8 इंटरस्टेट रूटों को बंद कर उन्हें अन्य रूटों के साथ मर्ज किया है। उन्होंने आगे बताया कि 4 लोकल रूटों को भी बंद करने का फैसला लिया गया है। बंद किए गए रूट पर शुक्रवार से ही बसें नहीं भेजी जा रही हैं।
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निजी बसों के चलने पर संशय
कांगड़ा प्राइवेट बस ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी जिला अध्यक्ष दवि दत्त शर्मा का कहना है कि शनिवार और रविवार को बसों को चलाए जाने के आदेश हैं और पहले भी खाली बसें दौड़ रही थी। अब ऑपरेटर निर्धारित करेंगे कि बसें चलाएंगे या नहीं। वहीं कांगड़ा बस ऑपरेटर यूनियन जिला अध्यक्ष हैप्पी अवस्थी ने कहा कि जब बाजार बंद होंगे और लोगों की मूवमेंट ही नहीं होगी तो बसों को चलाए जाने का कोई औचित्य नहीं है।
चार लाख कोविशील्ड टीकों का आदेश देने के लिए 65 करोड़ रुपए की मंजूरी
अरुणाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने चार लाख कोविशील्ड टीकों का आदेश देने और राज्य में 18 से 44 साल के लोगों को टीके लगाने के लिए 65 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित करने की मंजूरी दी है। यह राशि स्वास्थ्य विभाग के लिए बजट में किए गए प्रावधानों के अतिरिक्त होगी। राज्य में कोविड महामारी की स्थिति और टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा के लिए ईटानगर में आयोजित बैठक में इसका निर्णय किया गया।