किसने क्या कहा चंद्रकांत पंडित ने कहा
आदित्य श्रीवास्तव की कप्तानी में टीम ने कमाल किया। मैंने खिलाडिय़ों को सीख दीऔर कहा, खेल का सम्मान पहले करो और मैदानकर्मियों का भी सम्मान करो। मैच हो या तैयारी शिविर, हमारी टीम हमेशा मैदानकार्मियों का सम्मान करती थी। फाइनल के पहले मैं चिंतित था। पुनीत दाते अनफिट थे। कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने कहा, चार गेंदबाज से नहीं चलेगा काम। हमने तय किया की मुंबई की बल्लेबाजी मजबूत है, तो हम भी बल्लेबाजी मजबूत करेंगे। हमने चार गेंदबाज से खेलने का जोखिम लिया। अंतिम दिन हमारी गेंदबाजी को लेकर चर्चा हुई। हम 150 से ज्यादा का लक्ष्य नहीं चाहते थे। रात 9.45 पर कप्तान श्रीवास्तव ने कहा, सर डर लग रहा है। मैं भी चिंतित था, लेकिन मैंने उन्हें हिम्मत दी। सुबह फिर चर्चा हुई और खिलाडिय़ों ने कमाल कर दिखाया। चयन समिति के बैठक में हम सिर्फ 10 मिनिट की बैठक करते थे। शेष समय बातें होती थी। समिति ने पूरा सहयोग किया। लोग मुझसे पूछते हैं कि ऐसा क्या अलग है मध्य प्रदेश में तो मैं कहता हूं की हर संगठन में मुझे सुविधाओं के लिए झगड़ा करना पड़ता था। मगर यहां मुझे सभी सुविधाएं मिली।हमने 400 दिन अभ्यास किया। इसमें बहुत खर्चा लगा, लेकिन कभी किसी ने हमें रोका नहीं, टोका नहीं। मेरी हर योजना को बिना सवाल के पूरा किया। पिता ने कुछ नहीं किया, लेकिन बेटे ने तो किया। आदित्य से मेरा रिश्ता पिता-पुत्र का है। वह तीन घंटे मेरे साथ बिताते थे और प्रत्येक रणनीति पर चर्चा करते थे।
कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने कहा
सभी को धन्यवाद देता हूं। हमें नहीं पता था सही दिशा में मेहनत कैसे करें। यह चंद्रकांत सर ने बताया। रात 9 बजे से शुरू कर सुबह 5 बजे तक हमने अभ्यास किया है। अब यह सफलता दोबारा हासिल करना और भी अहम् होगा। हमारी टीम में खिताब जीतने की भूख थी।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विदेश में होने के चलते सम्मान समारोह में शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने वीडियों संदेश में कहा, हमें 68 साल लगे इस सफलता के लिए। कोच चंद्रकांत पंडित के मार्गदर्शन ने कमाल किया। अब हमारे सामने चुनौती है। इस सफलता को आगे भी जारी रखें। मैं पूरी टीम एमपीसीए प्रबंधन को बधाई देता हूं।
खिलाडिय़ों में नया आत्मविश्वास पैदा होगा। हमारी टीम ने सभी को बता दिया की मध्य प्रदेश किसी से कम नहीं है। यह जीत एक शुरुआत है। पूरी टीम को शुभकामनाएं।
फरवरी 2020 में कुछ लोग एक होटल में एकत्रित हुए। तय हुआ की चंद्रकांत पंडित को कोच नियुक्त करना है। कुछ लोगों ने विरोध भी किया। हमने निर्णय लिया, चाहे कुछ भी हो पंडित ही कोच होंगे और आज परिणाम सबके सामने है। हमारे ही क्रिकेट से जुड़े लोग विरोध कर रहे थे। पंडित ने हर फोल्डर पर रणजी ट्रॉफी का फोटो लगाया था क्योंकि लक्ष्य तय था। अमिताभ विजयवर्गीय के नेतृत्व वाली चयन समिति को भी बधाई।
आप सब ने हमारा सपना पूरा किया। चन्द्रकांत पंडित के साथ बहुत रहा हूं। वे खिलाडिय़ों पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव बनाते हैं, लेकिन खुद भी उनसे ज्यादा दबाव में रहते हैं। पुरी टीम को बधाई।
इंदौर. पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम करने वाली मध्यप्रदेश रणजी टीम का सोमवार को इंदौर पहुंचने ऐतिहासिक स्वागत किया गया। शाम को एयरपोर्ट पर पहुंचते यहां मौजूद एमपीसीए के पदाधिकारीगणोंं व खेल संगठनों के अधिकारी व खिलाडिय़ों ने अपने चहेती मध्यप्रदेश टीम का भव्य स्वागत किया। एयरपोर्ट से भारी पुलिस दल की मौजूदगी फूलों से सजी बस खजराना गणेश मंदिर की ओर रवाना हुई। यहां टीम के खिलाडिय़ों ने गणेशजी की पूजा कर उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद टीम सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए होलकर स्टेडियम पहुंची। यहां भी जमीनी और आकाशीय आतिशबाजी से टीम का स्वागत किया गया। ढोल-ताशे की धुन पर क्रिकेट प्रेमी जमकर थिरके। इस बीच मप्र टीम के कुछ खिलाड़ी अपने आप को रोक नहीं सके और बस से उतरकर जमकर थिरके। होलकर स्टेडियम में आयोजित सम्मान समोराह में मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर, सचिव संजीव राव, कोच चंद्रकांत पंडित, बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले, कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने संबोधित किया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विदेश के होने के बारण समारोह में उपस्थित नहीं हो सके। उन्होंने वीडियो संदेश के जरिए चैंपियन टीम को बधाई दी।