दूसरी आंख की लौट रही रोशनी हादसे के चलते मरीज की दूसरी आंख की रोशनी भी चली गई थी। एम्स में सफल सर्जरी के बाद मरीज की दूसरी आंख की रोशनी लौट आई है। हालांकि अभी मरीज सिर्फ धुंधला धुंधला ही देख पा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार यदि मरीज हादसे के 6 घंटे के अंदर अस्पताल आ जाता तो दोनों आंखों की रोशनी बचाना संभव हो सकता था। 15 दिन में अंदर फंसी आंख पूरी तरह खराब हो चुकी थी। यदि मरीज आने में ज्यादा देरी करता तो ब्रेन तक में इंफेक्शन फैलने का खतरा था।
इन विभाग के डॉक्टरों ने की सर्जरी चोट की गंभीरता को देखते हुए इस सर्जरी के लिए न्यूरोसर्जरी, नेत्र रोग, ट्रॉमा और आपातकालीन चिकित्सा, और एनेस्थीसिया विभागों के विशेषज्ञों की टीम बनाई गई। जिसमें मुख्य रूप से डॉ. अमित अग्रवाल (न्यूरोसर्जरी), डॉ. भावना शर्मा (नेत्र रोग), डॉ. बीएल सोनी (मैक्सिलोफेशियल सर्जन) और डॉ. वैशाली वेंडेसकर (एनेस्थीसिया) शामिल रहे।
बना रहे नकली आंख यह एक अत्यंत जटिल मामला था, जिसके लिए कई विभागों के विशेषज्ञों का सहयोग आवश्यक था। मरीज की स्थिति गंभीर थी, लेकिन बहु-आयामी दृष्टिकोण के कारण हम इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दे सके। अब मरीज के चेहरे को पहले जैसा बनाने के लिए नकली आंखों का स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। दूसरी आंख की रोशनी को बेहतर करने के लिए भी प्रयास जारी है। – डॉ. भावना शर्मा, एचओडी, नेत्र रोग विभाग, एम्स