
गांधीनगर की जश्वी मेवाडा अवार्ड दिखाते हुए।
डिजिटल युग में जहां बच्चे मोबाइल गेमिंग में व्यस्त रहते हैं, ऐसे में गांधीनगर की 10 वर्षीय जश्वी मेवाड़ा ने अपनी अद्भुत उपलब्धि से एक नई मिसाल पेश की है। जश्वी ने संस्कृत भाषा में 21 पंक्तियों वाले महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् को सिर्फ 6 मिनट और 59 सेकंड में पेशकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से आईबीआर एचीवर्स अवॉर्ड प्राप्त किया है।
पांचवीं कक्षा की छात्रा जश्वी ने अपनी मेहनत और लगन से यह सिद्ध कर दिया है कि दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। संस्कृत के प्रति उनकी रुचि बचपन से ही रही है। जश्वी ने न केवल महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् बल्कि श्री गणपति संकटनाशन स्तोत्रम् और हनुमान चालीसा को भी कंठस्थ किया है।
बढ़ाया गांधीनगर का गौरव
यह उपलब्धि विशेष रूप से इसलिए भी प्रेरणादायक है क्योंकि आज के समय में अधिकांश बच्चे मोबाइल और वीडियो गेम की दुनिया में खोए रहते हैं। जश्वी ने अपनी संस्कृत साधना से न केवल अपना नाम रोशन किया बल्कि गांधीनगर का गौरव भी बढ़ाया। उनके माता-पिता और शिक्षकों ने भी इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जश्वी मेवाड़ा जैसे बच्चे इस बात का प्रमाण हैं कि सही दिशा और मार्गदर्शन से प्रतिभा का विकास किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा है।
Updated on:
27 Dec 2024 10:37 pm
Published on:
27 Dec 2024 10:36 pm
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