सर्वे दल से बात करने पर किसी ने बैकलेन या नाले किनारे पड़ी गंदगी या कचरे का ढेर दिखा दिया तो माइनस मार्किंग हो जाएगी। निगम अमले को इस काम में लगा दिया है कि सर्वे दल द्वारा पूछे जाने वाले सवालों से लोगों को अवगत कराओ और मदद करने की गुहार लगाओ। मालूम हो कि स्वच्छता सर्वे के तहत जो दस्तावेज तैयार होना है, उसमें भी निगम अफसरों को पसीने छूट रहे हंै। दल को 2 लाख पन्ने दस्तावेज के रूप में देना हंै, वह अभी तक फाइनल नहीं हुए हंै।
तीन कैटेगरी पर कसौटी
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में तीन कैटेगरियां रखी गई हंै। इसमें 4 हजार अंक अलग-अलग कैटेगरी में मिलेंगे। इनमें सर्विस लेवल प्रोगे्रस, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन और सिटीजन फीडबैक शामिल है। इसमें से सिटीजन फीडबैक महत्वपूर्ण है। इसमें 7 चैप्टर और 40 सवाल हैं। इनके सही जवाब मिलने पर 1400 अंक मिलेंगे। इसमें सीनियर सिटीजन के लिए 175 अंक का आसान सा सवाल है, जिसका सही जवाब मिलने पर निगम को पूरे अंक मिल जाएंगे, बाकी नंबर आम लोगों से किए जाने वाले सवाल-जवाब के हैं। एक भी गलत जवाब मिला तो माइनस मार्किंग होगी, जो 60 अंक तक की है।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में तीन कैटेगरियां रखी गई हंै। इसमें 4 हजार अंक अलग-अलग कैटेगरी में मिलेंगे। इनमें सर्विस लेवल प्रोगे्रस, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन और सिटीजन फीडबैक शामिल है। इसमें से सिटीजन फीडबैक महत्वपूर्ण है। इसमें 7 चैप्टर और 40 सवाल हैं। इनके सही जवाब मिलने पर 1400 अंक मिलेंगे। इसमें सीनियर सिटीजन के लिए 175 अंक का आसान सा सवाल है, जिसका सही जवाब मिलने पर निगम को पूरे अंक मिल जाएंगे, बाकी नंबर आम लोगों से किए जाने वाले सवाल-जवाब के हैं। एक भी गलत जवाब मिला तो माइनस मार्किंग होगी, जो 60 अंक तक की है।
बाकी अंक मिलेंगे इनमें
डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के तहत निगम स्वच्छता को लेकर किए काम से संबंधित सारे दस्तावेज सर्वे से पहले भारत सरकार की टीम को सौंपेगा। जितनी मेहनत निगम को फील्ड में सफाई रखने में लग रही, है, उससे ज्यादा दस्तावेज तैयार करने में हो रही है। कारण दस्तावेज के आधार पर ही सर्वे दल फील्ड में जाकर काम देखेगा। निगम द्वारा दी गई जानकारियों का परीक्षण करेगा। इसके 1200 अंक मिलेंगे। इसमें भी 5 चैप्टर में 45 अंक रहेंगे। सर्विस लेवल प्रोगे्रस में 1400 अंक मिलेंगे। इसमें 5 चैप्टर और 43 सवाल रहेंगे। इस कैटेगरी में देखा जाएगा कि शहर से कितना कचरा निकल रहा है, उठाने की क्या व्यवस्था है और निपटान कैसे हो रहा है। जानकारी के आधार पर ही अंक मिलेंगे।
डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के तहत निगम स्वच्छता को लेकर किए काम से संबंधित सारे दस्तावेज सर्वे से पहले भारत सरकार की टीम को सौंपेगा। जितनी मेहनत निगम को फील्ड में सफाई रखने में लग रही, है, उससे ज्यादा दस्तावेज तैयार करने में हो रही है। कारण दस्तावेज के आधार पर ही सर्वे दल फील्ड में जाकर काम देखेगा। निगम द्वारा दी गई जानकारियों का परीक्षण करेगा। इसके 1200 अंक मिलेंगे। इसमें भी 5 चैप्टर में 45 अंक रहेंगे। सर्विस लेवल प्रोगे्रस में 1400 अंक मिलेंगे। इसमें 5 चैप्टर और 43 सवाल रहेंगे। इस कैटेगरी में देखा जाएगा कि शहर से कितना कचरा निकल रहा है, उठाने की क्या व्यवस्था है और निपटान कैसे हो रहा है। जानकारी के आधार पर ही अंक मिलेंगे।
स्वच्छता के प्रति शहर के लोग जागरूक हुए हैं। जनता के सहयोग से पहले भी इंदौर सफाई में नंबर वन बना और इस बार भी बनेगा, इसलिए जनता से अपील की जा रही है कि सर्वे दल को सफाई के लिए शहर में हुए कामों को देखते हुए फीडबैक दें, ताकि इंदौर नंबर वन के पायदान पर खड़ा रहे।
– मालिनी गौड़, महापौर
– मालिनी गौड़, महापौर