scriptप्याज का दर्द है, तीखा-तीखा | Onion pain, spicy | Patrika News

प्याज का दर्द है, तीखा-तीखा

locationसूरतPublished: Dec 04, 2019 07:25:22 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

हरी सब्जियों और प्याज-लहसुन की बेलगाम कीमतों पर अंकुश कैसे लगेगा?
How will unbridled prices of green vegetables and onion-garlic be curbed?

प्याज का दर्द है, तीखा-तीखा

onion

सुनील मिश्रा
सूरत. फिल्म ‘दर्द’ का गीत ‘प्यार का दर्द है मीठा-मीठा, प्यारा-प्यारा’ तथा ‘हमराही’ का गीत ‘ये आंसू मेरे दिल की जुबान हैं’ को लोग लम्बे समय तक गुनगुनाते रहे हैं। इन गीतों की जगह लोग आजकल पैरोडी गुनगुना रहे हैं ‘प्याज का दर्द है, तीखा-तीखा खारा-खारा।’ महंगाई के इस दौर में खास तौर पर महिलाओं के बीच यह चर्चा का प्रमुख विषय है कि आखिर हरी सब्जियों और प्याज-लहसुन की बेलगाम कीमतों पर अंकुश कैसे लगेगा?, वह एक-दूसरे से पूछती हैं कि उनके दर्द को सरकारें कब समझेंगी? कौन पोछेगा उनके आंसू? महंगाई कब कम होगी? भारत का कोई भी हिस्सा हो, नागरिकों की जुबान पर एक ही सवाल है कि प्याज कब तक ऐसे ही रुलाता रहेगा और दाम कब कम होंगे?। कोई दबे स्वर में तो कोई मुखर होकर अपनी बात रख रहा है। सब्जियों और प्याज-लहसुन की लगातार बढ़ती कीमतें आम उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ रही हैं। इससे उनकी आर्थिक और मानसिक परेशानी में भी इजाफा हो रहा है।
आम उपभोक्ता जहां बढ़ती कीमतों को लेकर परेशान हैं, वहीं किसानों की आंखें फसल चौपट होने से नम हैं। मानसून सीजन में देशभर में हुई भारी बारिश और इसके बाद आए चक्रवातों के कारण हुई बारिश ने किसानों को खासा रुलाया है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश में अत्यधिक बारिश सेे प्याज, लहसुन सहित अन्य फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। इस कारण प्याज की नई फसल बाजार में नहीं आ पाई। अनेक राज्यों में अभी भंडारण वाला प्याज बेचा जा रहा है। देशभर में बारिश के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस कारण पिछले कई महीनों से खुदरा और थोक भाव में लगातार वृद्धि हो रही है। नागरिकों और विपक्ष के हल्ला मचाने पर केन्द्र सरकार ने आपूर्ति बढ़ाने के लिए जून २०१९ में मिस्र, तुर्की, ईरान से प्याज मंगवाया था। उससे हालत कुछ सुधरी, लेकिन अच्छी गुणवत्ता का नहीं होने से इसमें से 28 हजार मीट्रिक टन प्याज सड़ गया। हाल ही केन्द्र सरकार ने मिस्र से और प्याज मंगवाया है, जो12 दिसम्बर से पहले देश में नहीं आ पाएगा। केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने हाल ही मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया है कि आयातित प्याज आने में अभी १५ दिन से अधिक लग सकते हैं। सूरत हो, कोलकाता अथवा देश का अन्य कोई शहर, हर जगह गरीबों की कस्तूरी कहे जाने वाले प्याज के खुदरा दाम 80 से100 रुपए किलो के बीच तथा थोक भाव 70 से 80 रुपए के बीच हैं। आपूर्ति में सुधार नहीं होने तक तय है कि प्याज अभी लम्बे समय तक उपभोक्ताओं को रुलाता रहेगा। इधर, बढ़ती कीमतों ने चोरों को भी सक्रिय कर दिया है। अब तक सोना, चांदी, नकदी आदि चोरी होने की खबरें सामने आती थीं, अब प्याज की भी चोरी होने लगी है, जो वास्तव में चिंता का विषय है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो