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25 फीसदी अनुयायी ही पहुंचे बाबा साहेब को नमन करने

Published: Apr 15, 2022 12:54:44 am

Submitted by:

Shailendra shirsath

समिति में विवाद के चलते महाराष्ट्र से काफी कम संख्या में आए अनुयायी

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25 फीसदी अनुयायी ही पहुंचे बाबा साहेब को नमन करने,25 फीसदी अनुयायी ही पहुंचे बाबा साहेब को नमन करने

डॉ. आंबेडकर नगर(महू). डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती पर दो साल बाद भव्य आयोजन हुआ। प्रशासन-पुलिस सप्ताहभर से इस आयोजन के लिए तैयारी कर रही थी। तीन दिन के इस आयोजन में गुरुवार को गत वर्षो के मुकाबले 25 फीसदी अनुयायी ही बाबा साहेब की स्मारक पर माथा टेकने पहुंचे। अनुयायियों के रूकने के लिए जहां व्यवस्था की गई थी, वहां चंद हजार लोग ही रुकने गए। सुबह से ही यहां जनप्रतिनिधि और अनुयायी दर्शन के लिए पहुंचना शुरू हो गए थे।
सोसायटी में विवाद की वजह से पहली बार जयंती उत्सव कार्यक्रम में दो शोभायात्रा भी निकाली गई। भीड़ न जुटने की वजह से दोनों ही शोभायात्राओं का समय देरी से कर दिया गया, लेकिन फिर भी यात्रा में पुराना माहौल आयोजक जुटा नहीं पाए। पहली यात्रा चंद्रोदय वाचनालय से निकाली गई तो वहीं दूसरी यात्रा बाबा साहब के स्मारक के समीप से ही पूर्व समिति सदस्यो के नेतृत्व में निकाली गई। दूसरी यात्रा दोपहर 12 बजे जन्मभूमि स्मारक राममंदिर चौराहे से बाबा साहेब के पौत्र भीमराव यशवंत आंबेडकर के नेतृत्व में शुरू हुई। जिसमें भारतीय बौद्ध सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रबोधी पाटिल, समता सैनिक दल मार्शल चीफ एस के भंडारे, आंबडकर जन्मभूमि स्मारक के पूर्व सचिव मोहन राव वाकोड़े ,बौद्ध समाज के मप्र अध्यक्ष चरणदास डेंगरे, उत्तम प्रधान, शंताराम वाघ आदि शामिल थे। उत्कृष्ट स्कूल के मैदान पर यात्रा का समापन किया गया। यहां बुद्ध वंदना की गई, जिसमें प्रमुख अथिति रूप में नर्मदा बचाव आंदोलन के नेत्री मेघा पाठकर शामिल हुई। यहां दस दिवसीय चल रहे कार्यक्रम का समापन यह कहते हुए हुआ कि जब तक नई स्मारक समिति भंग नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
काफी कम संख्या में आए अनुयायी
इस बार अनुयायियों की संख्या भी हर बार से काफी कम रही। यहां पहले 30 से 40 हजार अनुयायी स्मारक पर बाबा साहेब के चरणों में मत्था टेकने पहुंचते थे। उन्हीं अनुयायियों की संख्या इस वर्ष करीब 10 से 12 हजार पर सिमट कर रह गई। वहीं इस वर्ष डॉ. आंबेडकर मेमोरियल सोसायटी में भी दो-फाड़ हो जाने की वजह से महाराष्ट्र से आने वाले अनुयायियों के लिए बस की व्यवस्था भी नहीं की गई। इसकी वजह से भी कई श्रद्धालु इस महाकुंभ से वंचित रह गए। दूसरी ओर प्रशासन गुरुवार सुबह तक मुख्यमंत्री के आने की तैयारियों को लेकर ही जुटा रहा।
सुबह तक चलता रहा काम
सुबह 9 बजे तक बाबा साहेब की विशाल प्रतिमा के नीचे पुष्प सज्जा का कार्य ही चलता रहा। आंबेडकर जन्म स्थली पर मुख्यमंत्री के लिए रेड कारपेट बिछाने का कार्य भी कर्मचारी करते रहे। जब अनुयायी बाबा साहेब की बड़ी प्रतिमा के पैर छूने यहां पहुंचे तो काम चलता देख बाबा साहेब के पैर भी नहीं छू पाए और उन्हें छोटी प्रतिमा पर ही माल्यार्पण कर स्मारक में दर्शन करने जाना पड़ा।
कवरेज कर रही मीडिया को हडक़ाया
विवादित समिति सचिव राजेश वानखेड़े ने कवरेज करने आए मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी भी की। दरअसल, जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ माल्यार्पण के बाद पत्रकारों से मिलने जा रहे थे, तब राजेश वानखेड़े अचानक तेश में आ गए और उन्होंने पत्रकारों सहित कांग्रेस के नेताओं को भी वहां से हटाना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ मीडियाकर्मी सीढिय़ों से गिरते-गिरते बचे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल, विवादित समिति सचिव को डर बना हुआ था कि कहीं मीडिया समिति को लेकर कमलनाथ से सवाल न कर ले।
खाने के करना पड़ा इंतजार
बाहर से आए अनुयायियों के लिए स्वर्ग मंदिर परिसर और विशेष अतिथियों व बौद्ध भिक्षुओं के लिए माहेश्वरी स्कूल मैदान में भोजन व्यवस्था की गई थी। लेकिन दोपहर में माहेश्वरी स्कूल में भोजन में खास व्यंजन हटा लिए गए। वहीं स्वर्ग मंदिर में अचानक काउंटर से खाना आना बंद हो गया। जिसके चलते अनुयायियों को काफी इंतजार करना पड़ा।

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