नागचंद्रेश्वर से बल लेकर शुरू होगी यात्रा
पंचक्रोशी यात्रा पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर से आरंभ होती है। यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर को श्रीफल अर्पित कर उनसे बल प्राप्त करते हैं, ताकि उनकी यात्रा निर्विघ्न पूर्ण हो। अमावस्या पर यात्रा संपन्न होने के बाद यात्री भगवान को मिट्टी के अश्व (घोड़े) अर्पित कर बल लौटाने के बाद गंतव्य की ओर रवाना होते हैं।
पंचक्रोशी यात्रा पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर से आरंभ होती है। यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर को श्रीफल अर्पित कर उनसे बल प्राप्त करते हैं, ताकि उनकी यात्रा निर्विघ्न पूर्ण हो। अमावस्या पर यात्रा संपन्न होने के बाद यात्री भगवान को मिट्टी के अश्व (घोड़े) अर्पित कर बल लौटाने के बाद गंतव्य की ओर रवाना होते हैं।
चार द्वारपालों के दर्शन
पं. व्यास ने बताया उज्जयिनी के चारों द्वार पर चार द्वारपाल स्थापित हैं। शिवङ्क्षलग रूप में विराजित ङ्क्षपग्लेश्वर, दुर्दुदेश्वर, कायावरुणेश्वर तथा बिलकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान का अभिषेक पूजन किया जाता है। वैशाख मास शिव की आराधना व जलाभिषेक विशेष माना गया है।
पं. व्यास ने बताया उज्जयिनी के चारों द्वार पर चार द्वारपाल स्थापित हैं। शिवङ्क्षलग रूप में विराजित ङ्क्षपग्लेश्वर, दुर्दुदेश्वर, कायावरुणेश्वर तथा बिलकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान का अभिषेक पूजन किया जाता है। वैशाख मास शिव की आराधना व जलाभिषेक विशेष माना गया है।
कल से करना होगी ये व्यवस्था
पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को पटनी बाजार स्थित श्री नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर से लेकर प्रत्येक पड़ाव स्थल पर टेंट, लाइट, शामियाने, पेयजल, शौचालय एवं सफाई व्यवस्था 1 मई से ही करना होगी। हालांकि गांवों में सरपंच व ग्राम सचिवों द्वारा व्यवस्था जुटाई जाती है। सुरक्षा के लिए पुलिस बल व्यापक रूप से तैनात रहता है।
ङ्क्षपगलेश्वर पड़ाव स्थल पर यात्रा सबसे पहले पहुंचती है। यहां पीएचई को पानी के टैंकरों की व्यवस्था करना होगी।
सीईओ व जनपद पंचायत के माध्यम से समस्त पड़ाव स्थलों पर टेन्ट लगाए जाएं।
विभिन्न पड़ाव और उप पड़ाव स्थलों पर अस्थाई शौचालयों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था रखें।
एम्बुलेंस और मेडिकल टीम की तैनाती होना चाहिए।
त्रिवेणी शनि मन्दिर परिसर व घाट पर बैरिकेङ् फव्वारे लगाए जाने चाहिए।
पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को पटनी बाजार स्थित श्री नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर से लेकर प्रत्येक पड़ाव स्थल पर टेंट, लाइट, शामियाने, पेयजल, शौचालय एवं सफाई व्यवस्था 1 मई से ही करना होगी। हालांकि गांवों में सरपंच व ग्राम सचिवों द्वारा व्यवस्था जुटाई जाती है। सुरक्षा के लिए पुलिस बल व्यापक रूप से तैनात रहता है।
ङ्क्षपगलेश्वर पड़ाव स्थल पर यात्रा सबसे पहले पहुंचती है। यहां पीएचई को पानी के टैंकरों की व्यवस्था करना होगी।
सीईओ व जनपद पंचायत के माध्यम से समस्त पड़ाव स्थलों पर टेन्ट लगाए जाएं।
विभिन्न पड़ाव और उप पड़ाव स्थलों पर अस्थाई शौचालयों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था रखें।
एम्बुलेंस और मेडिकल टीम की तैनाती होना चाहिए।
त्रिवेणी शनि मन्दिर परिसर व घाट पर बैरिकेङ् फव्वारे लगाए जाने चाहिए।
तपती धूप में यात्रा
वर्षों से पंचक्रोशी यात्रा में साथ चलने वाले महेंद्र कटियार ने कहा कि तपती धूप में लोग यात्रा करते हैं। वैशाख कृष्ण दशमी से अमावस्या तक 118 किमी की लंबी पंचक्रोशी यात्रा का आयोजन किया जाता है। कुछ लोग तो अभी से आ गए हैं।
वर्षों से पंचक्रोशी यात्रा में साथ चलने वाले महेंद्र कटियार ने कहा कि तपती धूप में लोग यात्रा करते हैं। वैशाख कृष्ण दशमी से अमावस्या तक 118 किमी की लंबी पंचक्रोशी यात्रा का आयोजन किया जाता है। कुछ लोग तो अभी से आ गए हैं।