चुरू

चिकित्सकों के अभाव में मरीज हो रहे परेशान

तहसील मुख्यालय पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव होने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

चुरूOct 19, 2020 / 08:42 am

Madhusudan Sharma

चिकित्सकों के अभाव में मरीज हो रहे परेशान

तारानगर. तहसील मुख्यालय पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव होने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। केन्द्र में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या तो दिन-प्रतिदिन बढ रही है लेकिन सरकार ने मरीजों के हिसाब से केन्द्र में न तो चिकित्सक लगा रखे है और न ही आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं है। केन्द्र में प्रतिदिन 200 से 250 मरीज इलाज करवाने के लिए आते है वहीं करीब 30 मरीज भर्ती होते है। केन्द्र में 11 चिकित्सकों के पद सृजित है जिनमें 5 पद भरे हुए है वहीं 6 पद रिक्त चल रहे है। केन्द्र में 2 स्त्रीरोग विषेषज्ञ, 1 शिशुरोग विशेषज्ञ, 1 सर्जन व 1 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है वहीं 1 नेत्र रोग विशेषज्ञ, 1 दंतरोग विशेषज्ञ, 1 एमडी मेडिसिन व 3 चिकित्साधिकारियों के पद रिक्त है। 5 भरे हुए पदों में 2 चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर चल रहे है इस कारण फिलहाल केन्द्र 3 चिकित्सकों के भरोसे ही चल रहा है।
दो चिकित्सकों को भेजा प्रतिनियुक्ति पर
थोड़े दिनों पहले सरकार ने केन्द्र में सर्जन चिकित्सक डा. गजानंद रसगनिया व महिला गायनोलोजिस्ट चिकित्सक डा. नीलम की नियुक्ति की थी लेकिन सरकार ने दोनों चिकित्सकों को कोविड-19 में बीकानेर प्रतिनियुक्त पर भेज दिया। केन्द्र में प्रथम बार महिला गायनोलोजिस्ट चिकित्सक डा. नीलम की नियुक्ति होने से क्षेत्र के लोगों को बेहद खुशी हुई लेकिन उनकी खुशी थोड़े समय के लिए ही रही। सरकार ने डा. नीलम की नियुक्ति के अगले दिन ही उन्हें प्रतिनियुक्ति पर बीकानेर भेज दिया।

ऑपरेशन थियेटर के फिर से लटका ताला
सर्जन चिकित्सक डा. रसगनिया के केन्द्र में नियुक्त होने से केन्द्र में करीब 12 सालों से बंद पड़ा ऑपरेशन थिएटर वापिस शुरू हुआ और लोगों को आस बंधी की उन्हें तारानगर में ही ऑपरेशन की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। लोगों की आशा के अनुरूप कार्य शुरू भी हुआ। सर्जन डा. रसगनिया ने ऑपरेशन थिएटर को चालू करवाकर एक महिला का प्रथम सफल ऑपरेशन किया। केन्द्र में ऑपरेशन की सुविधा मिलने की सूचना के बाद केन्द्र में लोग आने लगे। डा. रसगनिया ने इस सुविधा को आगे बढाने पर कार्य शुरू ही किया था कि सरकार ने उन्हें प्रतिनियुक्ति पर बीकानेर भेज दिया। डा. रसगनिया के प्रतिनियुक्त होने के साथ ही केन्द्र के ऑपरेशन थिएटर पर भी फिर से ताला लटक गया।
धूल फांक रहे लाखों रुपए के उपकरण
कुछ माह पहले सरकार ने केन्द्र में दंत रोग विशेषज्ञ महिला चिकित्सक डा. अंकिता चौधरी की भी नियुक्ति की थी लेकिन उनका भी पीजी में चयन होने पर वे यहां से चली गई और उनके कक्ष के भी ताला लटक गया। केन्द्र में दंत रोग विशेषज्ञ नहीं होने से केन्द्र में पड़े डेंटल चेयर सहित लाखों रुपएके उपकरण धूल फांक रहे है।

महिला चिकित्सक का अभाव
केन्द्र में 2 महिला स्त्री रोग विषेषज्ञों के पद सृजित है। कई सालों से स्त्री रोग विषेषज्ञ डा. महेश लाक्खीवाल ही महिला रोगियों के इलाज के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी करवाने का कार्य कर रहे है। केन्द्र में महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं होने से महिलाओं को परेशानी होती है।

अस्पताल में नहीं हो रही सोनोग्राफी
चिकित्सकों के अभाव के साथ ही केन्द्र में सोनोग्राफी मशीन की भी सुविधा है लेकिन सोनोलोजिस्ट के अभाव में केन्द्र में सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। गर्भवती महिलाओं व लोगों को मजबूरन केन्द्र के बाहर निजी सोनोग्राफी सेंटरों पर महंगे दामों में सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है। पिछली बजट घोषणा में सरकार ने केन्द्र को 30 बैड से 50 बैड में क्रमोन्नत कर वाहवाही तो लूट ली लेकिन अभी तक केन्द्र में न तो अतिरिक्त बैड उपलब्ध करवाए है और न ही बैड के हिसाब से आवश्यक संसाधन व चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया है। सिर्फ कागजों में ही केन्द्र क्रमोन्नत दिखाई दे रहा है।
क्या कहते हैं प्रभारी
केन्द्र में चिकित्सकों के पद रिक्त होने से मरीजों को तो परेशानी हो रही है साथ ही केन्द्र में तैनात अन्य चिकित्सकों पर भी कार्य का अधिक भार पड़ रहा है। चिकित्सकों के रिक्त चल रहे पदों को भरने एवं आवश्यक संसाधनों की पूर्ति के लिए समय-समय पर उच्चाधिकारियों को अवगत करवा जाता है।
– डा. महेश लाक्खीवाल प्रभारी सीएचसी तारानगर

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