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मौसम के कागजी घोड़े दौड़ा रहा विभाग, सात साल से वेदर को स्टेशन का इंतजार

नहीं मिल रही मौसम की सही जानकारी,मोबाइल ही एक मात्र आसरा…

झालावाड़Jun 02, 2024 / 09:15 pm

harisingh gurjar

कहने को झालावाड़ जिला मुख्यालय है। लेकिन यहां अभी तक मौसम केन्द्र नहीं खुल पाया है। ऐसे में जिले वासियों को मौसम की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। बावजूद मौसम विभाग जयपुर से दिल्ली तक सात साल से कागजी घोड़े ही दौड़ा रहे हैं। यहां ना तो किसी अधिकारी ने रूचि दिखाई और ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने। इसी का नतीजा है कि अभी तक जिले में कोई मौसम केन्द्र नहीं खुल पाया है। हालांकि जिले में भीषण गर्मी, तेज बारिश या मौसम में बदलाव की जानकारी जिलेवासियों को समय से मिले, इसके लिए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में मौसम केन्द्र जयपुर द्वारा आब्र्जवेटरी केन्द्र खोलना तय हुआ था। बाकायदा इसके लिए मौसम विभाग व राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के बीच एमओयू साइन हुआ। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से एमओयू कागजों से बाहर नहीं आया। ऐसे में जिलेवासियों को पिछले सात साल से समय पर सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही। अधिकारियों की उदासीनता के चलते सरकार ने सूचनाएं संकलित करने वाले सिस्टम के लिए अभी तक बजट जारी नहीं किया। इससे जिले के लोगों को भारी बारिश व सूखे, तेज हवा,नमी तथा भीषण गर्मी आदि की सूचनाएं नहीं मिल पा रही है। वहीं जिले में सिंचाई विभाग के पास भी मौसम का पूर्वानुमान और आंकलन का कोई साधन नहीं है। बारिश के आंकड़ों के लिए भी वह जलाशयों पर लगे गेज पर ही निर्भर है। उनमें से भी कई बांध से सही जानकारी नहीं मिल पाती है,ऐसे में जिले की जनता इधर-उधर से सुनकर या ऑनलाइन आधी-अधूरी जानकारी से ही काम चला रही है।
सात साल पहले हुआ था एमओयू-

जिला मुख्यालय पर राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में मौसम विभाग के अधिकारियों व प्राचार्य के बीच सात साल पहले एमओयू साइन हुआ था, लेकिन अभी तक कुछ पाइप व लॉग बुक ही आई हैं, इसके आगे काम नहीं बढ़ा। ये स्टेशन मौसम की जानकारी देने वाला आधुनिक स्टेशन बनना था, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते ये अभी तक मूर्त रूप नहीं ले पाया। इस संबंध में पूना व मौसम विभाग के प्रधान कार्यालय दिल्ली भी कई बार पत्र भेजे गए हैं। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं होने से जिले में इस केन्द्र की स्थापना अभी तक नहीं हो सकी। पॉलिटेक्निक कॉलेज व मौसम विभाग के निदेशक के बीच 28 जून 2017 को एमओयू हुआ था। लेकिन जनप्रतिनिधियों व सरकारी अधिकारियों की उदासीनता के चलते अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है। ऐसे में जिले में सर्वाधिक बारिश या भीषण गर्मी होने के बाद भी जिले का सही डाटा नहीं मिल पाता है। किसानों व जिलेवासियों को गूगल से मिली ऑनलाइन जानकारी से ही संतोष करना पड़ता है। ऐसे में कई बार किसानों को नुकसान भी होता है।
ये उपकरण आने हैं –

पॅालिटेक्निक महाविद्यालय में लगने वाले मौसम केन्द्र के लिए स्टीवेशन स्टीम, रेन गेज,एनोमोमीटर, विंड स्पीड मापने का यंत्र, आद्र्रता मापने के लिए हाइग्रोमीटर आदि पूना से अभी तक नहीं आए है। इसके चलते केन्द्र स्थापित नहीं हो सका। ऑटोमैटिक वेदरस्टेशन खराब- जिले में कृषि विज्ञान केन्द्र में लगा ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन भी लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है। स्टेशन का सौलर पैनल खराब है।
ऐसे में तकनीकी खामी की वजह से इससे भी मौसम की जानकारी नहीं मिल पा रही है।

आगे ऐसा रहेगा मौसम-

मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि जिले में अभी कुछ दिन ऐसा ही मौसम रहेगा।44 डिग्री के आसपास तापमान रहेगा। उसके बाद दो तीन दिन में तापमान में कमी आएगी।
जिले में खुलना चाहिए मौसम केन्द्र-

जिले में मौसम केन्द्र खुलना चाहिए जिससे जिलेवासियों को अधिक व न्यूनतम तापमान, बेमौसम बारिश व तेज सर्दी-गर्मी आदि की जानकारी समय पर मिल सके। मेहश मेहर, किसान।
जिले में मौसम केन्द्र खुलना चाहिए ताकि किसानों को जिले में बारिश का पूर्वानुमान व भीषण गर्मी आदि की जानकारी समय पर मिल सके,ताकि उन्हे फसल आदि में कम नुकसान हो।

राधेश्याम गुर्जर, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ।
स्टेशन खोलने का प्लान कर रहें-

पूर्व में जो ऑब्र्जवेटरी स्टेशन के लिए एमओयू हुआ था उसका काम क्यों डिले चल रहा है, इसका पता करवाते हैं। ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन में सौलर पैनल आदि में कुछ तकनीकी खामी है। उसको जल्द ही झालावाड़ टीम भिजवाकर सही करवाते हैं। राधेश्याम शर्मा,निदेशक,मौसम विभाग, जयपुर।

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