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एनएमसी के मापदंड के अनुसार मर्चुरी और अकादमिक भवन की तैयार हो रही नींव

-बरपटी में आकार ले रहे मेडिकल कॉलेज के काम ने पकड़ी गति।
-आवासीय भवन का पहले तल का निर्माण हुआ पूरा, दूसरे तल को बनाने का काम शुरू

दमोहJun 03, 2024 / 07:49 pm

आकाश तिवारी

-बरपटी में आकार ले रहे मेडिकल कॉलेज के काम ने पकड़ी गति।
-आवासीय भवन का पहले तल का निर्माण हुआ पूरा, दूसरे तल को बनाने का काम शुरू
दमोह. बरपटी क्षेत्र में आकार ले रहे मेडिकल कॉलेज के काम में तेजी दिखाई दे रही है। यहां पर निर्माण कार्य तेजी से होना शुरू हो गया है। अकेडमिक बिल्डिंग का स्ट्रक्चर बनाने के लिए बेस तैयार किया जा रहा है। बता दें कि इस बनाई जा रही बिल्डिंग में एमबीबीएस की कक्षाएं संचालित होंगी। इसके अलावा मर्चुरी का भी निर्माण शुरू हो गया है। मेडिकल कॉलेज में एनएमसी के नोम्स के अनुसार मर्चुरी का अहम रोल होता है। यही वजह है कि इसे प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है। बाउंड्रीबाल निर्माण का काम हो चुका है। वहीं, आवासीय भवन के प्रथम तल का निर्माण पूर्ण हो चुका है। दूसरे तल के निर्माण का काम जारी है। देखा जाए तो बीते दो महीने में काम में गति आई है। अभी लेक्चर हॉल, ऑडिटोरियम, अस्पताल भवन और अन्य प्रकार की लैब का निर्माण होना बाकी है, जिनकी ड्राइंग जल्द आ सकती है।
-सीएस ने किया निरीक्षण
कलेक्टर के निर्देश के बाद सीएस व सीएमएचओ द्वारा बरपटी क्षेत्र में बन रहे मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया जा रहा है। रविवार को सिविल सर्जन डॉ. राजेश नामदेव ने निर्माण स्थल का जायजा लिया। उन्होंने काम की गति देखी। हालांकि मौके पर साइट इंजीनियर नहीं मिले। उन्होंने बताया कि १५ दिन पहले भी यहां का निरीक्षण किया था। अभी काम में बढ़ोत्तरी मिली है। सीएस के साथ अन्य स्टाफ भी मौजूद था। बता दें कि कलेक्टर ने हर १५ दिन में निरीक्षण के निर्देश दिए हैं।
-मेडिकल कॉलेज से नहीं आए अब तक कोई अधिकारी
बीएमसी सागर के डीन रहे डॉ. रमेश पांडेय को दमोह मेडिकल कॉलेज का नोडल बनाया गया है। नोडल बने हुए करीब ढाई महीने बीत चुके हैं,लेकिन अभी तक उनके द्वारा दमोह मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण नहीं किया गया है। वहीं, अभी तक एक बार भी सागर से मेडिकल कॉलेज की टीम निरीक्षण करने के लिए नहीं आई है। जबकि बीएमसी सागर की ही देखरेख में यह मेडिकल कॉलेज बनना है।
-मेडिकल कॉलेज भवन बनने के बाद शुरू होगी अस्थाई संबद्धता की प्रक्रिया
जानकारी के लिए बता दें कि एमबीबीएस के दाखिले मेडिकल कॉलेज भवन बनने के बाद शुरू होगी। इस बीच प्रबंधन को जिला अस्पताल से अस्थाई संबद्धता लेनी होगी। पांच साल तक अस्थाई संबद्धता के सहारे मेडिकल कॉलेज चलेगा। इसके बाद नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने आएगी। यदि इस दौरान कोई कमी नहीं मिलती है तो स्थाई संबद्धता मिलेगी।
वर्शन्र

कलेक्टर के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज के निर्माण को देखा है। काम तेजी से चल रहा है। अन्य कार्यों की जानकारी के संबंध में मौके पर कोई इंजीनियर नहीं मिला है। पीआइयू के अधिकारियों से बात कर और डिटेल ली जाएगी।
डॉ. राजेश नामदेव, सिविल सर्जन

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