
दमोह. इलाज में उपयोग होने वाले औजारों को संक्रमण रहित बनाने के लिए सर्जरी, गायनी, कैज्युअल्टी सहित अन्य ओटी में स्टराइज की सुविधा है। हालांकि अलग-अलग जगहों पर इन्हें स्टेरलाइज्ड किया जा रहा है। इसमें मैनपावर भी लग रहा है। हालांकि एक छत के नीचे यह सभी उपकरणों को सकं्रमण व कीटाणुरहित बनाने के लिए एनएचएम ने सेंट्रल स्टेराइल सप्लाई डिपार्टमेंट (सीएसएसडी) शुरू करने की मंजूरी दी थी।
छह महीने पहले सर्जरी विभाग के पास में यह यूनिट बनकर तैयार हो चुकी है, लेकिन अभी तक यूनिट के जरूरी उपकरण और उपकरण रखने के लिए टेबल नहीं खरीदे गए हैं। इस वजह से यह यूनिट शोपीस बनी हुई है।
बता दें कि इस यूनिट में अस्पताल में मरीजों के लिए उपयोग होने वाले सभी औजार, जिसमें सिरिंज और सुइयां रस्सी काटने के लिए कैंची या रेजर ब्लेड, सिलाई के लिए सामग्री क्लैम्प्स और हेमोस्टेट्स आदि शामिल हैं। इसी यूनिट में स्टरलाइज होना हैं। यहां से संक्रमण रहित औजार ऑपरेशन थियेटर्स, लेबर वार्ड और कैज्युअल्टी भेजे जाना है, लेकिन शासन की इस मंशा पर पानी फिरता दिख रहा है। अभी भी अलग-अलग जगहों पर यह उपकरण स्टेरलाइज हो रहे हैं।
-मशीनों के इंतजार में अटकी पड़ी यूनिट
एनएचएम विभाग के उपयंत्री सुनील बघेल से जब इस यूनिट के संबंध में बात की तो उनका कहना था कि यूनिट का काम लगभग पूर्ण है, खिड़की-दरवाजे लगना है। स्टेरलाइजेशन मशीनें बड़ी हैं, जिनके आने में देरी हो रही है। यदि मशीनें आ जाती हैं तो तीन दिन में यूनिट ठेकेदार से हैंडओवर ले लेंगे।
-आधुनिक हैं मशीनें, कम समय में औजार होंगे संक्रमण रहित
बताया जाता है कि शासन स्तर से जो मशीनें आना है। उनके जरिए कम समय में इलाज में उपयोग किए जाने वाले औजार चंद मिनटों में स्टरलाइज हो जाएंगे। इससे मरीजों में संक्रमण का खतरा नहीं होगा। इसके अलावा जल्द से जल्द संबंधित ओटी और लेबर रूम में यह पहुंचाई जा सकेंगी।
वर्शन
यूनिट का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। उपकरण भी शासन से आना है, जिसमें वक्त लग रहा है। इस यूनिट के चालू होने से एक जगह पर सभी औजार स्टरलाइज होंगे।
डॉ. मनीष संगतानी, आरएमओ जिला अस्पताल
Published on:
18 Dec 2024 12:13 pm
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