बारिश शुरू होते ही फिर पहुंचा पानी और कीचड़
गंवला मार्ग बदतरीन हालत में
दलदली राह की वजह से हंसी का पात्र बने रहवासी, बेसुध जिम्मेदार
Published: July 12, 2022 07:43:19 pm
बारिश शुरू होते ही फिर पहुंचा पानी और कीचड़
गंवला मार्ग बदतरीन हालत में
दलदली राह की वजह से हंसी का पात्र बने रहवासी, बेसुध जिम्मेदार
सांवेर. तहसील मुख्यालय सांवेर नगर में करोड़ों के विकास किए जाने के मंत्री तुलसी सिलावट के दावों के विपरीत इसी नगर में एक मार्ग ऐसा है, जो दावों की खिल्ली के साथ इस मार्ग के रहवासियों का भी उपहास उड़ा रहा है कि उनके घर के सामने बरसात भर कीचड़ पसरा रहता है और बाकी दिनों में धूल के गुबार उड़ते रहते हैं। जिम्मेदार पिछले चार साल से केवल बहाना ही बना रहे हैं या आश्वासन दे रहे हैं।
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट के निर्वाचन क्षेत्र को जो नगर अपना नाम देता है उस सांवेर नगर के ही कुछ मार्गों की बद से बदतर हालत है। सबसे बुरी हालत तो नगर के गंवला मार्ग के उस हिस्से का है जो वार्ड नंबर 14 में आता है। मार्ग की हालत पिछले कई सालों से है और बारिश होते ही लोगों के लिए यह मार्ग संताप में बदल जाता है। इस साल भी बारिश शुरू हुई और इस बदहाल मार्ग की फिर से एक बार वही कहानी शुरू हो हो गई है। क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के कद्दावर कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट वैसे तो इस मार्ग की बदहाली से अच्छी तरह वाकिफ है और पिछले दिनों नगर परिषद चुनाव में प्रचार के दौरान इस मार्ग से तीन बार गुजर चुके हैं। मतलब कीचड़ भरे मार्ग को देख चुके हैं फिर भी फौरी राहत के तौर पर भी मुरम की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
नगर का मुख्य आंतरिक मार्ग और वार्डों में सीमेंट-कांक्रीट करवाकर नगर में करोड़ों के विकास के दावों के उलट गंवला मार्ग को उपेक्षित छोडक़र रखे जाने की मंशा किसी की समझ में नहीं आ रही है। इस मार्ग पर निवासरत रहवासियों के लिए यह मार्ग अब लज्जाजनक बन गया है क्योंकि गांवों में गली कूचों में सीसी सडक़ें बन गई हंै और सुदूर गांवों के गली-कूचे भी कीचड़ मुक्तहो गए हैं किन्तु तहसील मुख्यालय सांवेर में होकर भी केशरीपुरा में गंवला मार्ग की इतनी बुरी स्थिति है कि कीचड़ के कारण पैदल निकलना मुश्किल हो गया है। गंवला मार्ग की इस दुर्दशा को लोक निर्माण विभाग ने ही जानबूझकर करवाया है।
दरअसल, सांवेर के अजनोद रोड से लेकर गंवला गांव तक के मार्ग का पुनर्निर्माण किया जाना है। गंवला से लेकर केशरीपुरा तक के हिस्से का जैसे-तैसे डामरीकरण कर दिया गया किन्तु केशरीपुरा वाले हिस्से को जो कि पूर्व से डामरीकृत था वह तीन साल पहले इसलिए खोद दिया गया था कि इस हिस्से में सीसी किया जाएगा। खोदने के बाद तब से लेकर अब तक न तो संबंधित ठेकेदार से इस मार्ग की सुध ली न ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने इस और ध्यान देना उचित समझा। सडक़ को खोद दिए जाने से जहां गर्मी के दिनों में दिनरात धूल के गुबार उड़ते रहे। वहीं बारिश के इन दिनों में शर्मनाक कीचड़ पसरा पड़ा है। मार्ग की इस स्थिति को लेकर बाहर से आने वाले मेहमान या अन्य लोग यहां के लोगों का उपहास उड़ाकर चिढ़ाने लगे हैं।

बारिश शुरू होते ही फिर पहुंचा पानी और कीचड़
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