झाबुआ

कैसे बुझेगी प्यास, कंट्रोल रूम के अधिकारी नहीं उठाते फोन

ग्रामीण प्रभारी का नंबर बंदचार दिन में 20 लोगों ने पानी के लिए बजाई घंटी , निराकरण नहीं कर रहे प्रभारीसबसे ज्यादा शिकायतें थांदला ब्लॉक में

झाबुआMay 05, 2022 / 12:52 am

binod singh

कैसे बुझेगी प्यास, कंट्रोल रूम के अधिकारी नहीं उठाते फोन

झाबुआ. जिला सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। सभी 6 ब्लॉक में पानी की समस्या बरकरार है।जनप्रतिनिधि भी टैंकरों से पानी वितरित करते देखे जा रहे हैं। इस जल संकट से जनता को उबारने के लिए प्रशासन ने नगर पालिका स्तर एवं जनपद पंचायत स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया है, जहां पानी संबंधित शिकायतें की जा सकती है। पत्रिका ने नगर पालिका एवं जनपद पंचायत स्तर पर चल रहे इन कंट्रोल रूम में प्राप्त शिकायतों के निराकरण की पड़ताल की तो पाया की कुछ प्रभारियों के नंबर स्विच ऑफ है तो कुछ फोन नहीं उठा रहे हैं। किसी को 4 दिन बाद प्रभार संबंधित लेटर मिला। इन 4 दिनों में कितनी समस्या का हल हुआ ,इस बारे में भी प्रभारियों को कोई जानकारी नहीं है। कुल मिलाकर इन कंट्रोल रूम पर आला अधिकारियों की मॉनीटङ्क्षरग का अभाव है।
थांदला ब्लॉक
थांदला की शहरी जल समस्या का निदान के लिए जिम्मेदार पप्पू बारिया को बुधवार को 2.07 बजे पर फोन किया तो फोन नहीं उठाया। वहीं 4 दिन में सबसे ज्यादा शिकायतें थांदला ग्राम पंचायत स्तर पर मिली है।
यहां 11 शिकायतें प्राप्त हुई। थांदला जनपद पंचायत स्तर पर कंट्रोल रूम प्रभारी नरेश डामोर ने बताया कि जितनी भी शिकायतें प्राप्त हुई है सभी को हल करने के लिए पीएचई को लेटर लिखा है, लेकिन पीएचई विभाग ने इन्हें हल किया है या नहीं इसकी सूचना अभी तक नहीं दी गई। यहां रूपगढ़ में दो हैंडपंप बंद , रतनाली में दो हैंडपंप बंद , परवाड़ा में 4 हैंड पंप बंद , बड़ी धमनी में 7 माह से हैंडपंप बंद , खवासा में 15 दिन से हैंडपंप बंद होने के साथ पारा धामंदा में चार शिकायतें पानी संबंधित की गई। इनका निदान हो सका या नहीं इसकी जानकारी कंट्रोल रूम में नहीं है।
झाबुआ ब्लॉक
शहरी समस्या के निराकरण के लिए प्रभारी धीरेंद्र रावत को 1.58 बजे तक फोन लगाया उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं झाबुआ जनपद पंचायत स्तर पर प्रभारी महेंद्र मावी का नंबर 2 .18 बजे पर स्विच ऑफ था। उपयंत्री प्राची इंफ्रस्ट्रक्चर आयुष यादव ने बताया कि झाबुआ शहर से संबंधित पिछले 4 दिन में तीन समस्या मिली है, जिसमें 2 हैंडपंप बंद होने की शिकायत एवं एक जगह टैंकर से पानी पहुंचाने की मांग की गई थी। समस्या जगह के हिसाब से हल की जाती है। जहां पर खुदाई , मोटर या पाइप लगाने का मसला हो उसमें थोड़ा समय लग रहा है। जबकि कुछ फोन केवल इंफॉर्मेशन लेने के लिए लगाए जा रहे हैं। वार्ड 17 में जिला जेल के पीछे बस्ती में पानी नहीं मिलने की शिकायत मिली थी , हाथों-हाथ इस समस्या का हल किया यहां पर वाल लगाया , कुछ ही देर में लोगों के घरों में पानी पहुंचने लगा। छोटी मोटी प्रॉब्लम के लिए हम टैंकर भिजवा देते हैं जिससे कि तत्काल पानी की समस्या दूर हो जाए और हमें वास्तविक समस्या हल करने के लिए कुछ समय मिल सके।
मेघनगर ब्लॉक
मेघनगर शहर की जल समस्या के प्रभारी सुरेश गणावा ने बताया कि उनके पास एक भी शिकायत नहीं है , यहां 2 दिन छोड़कर पानी दे रहे हैं। शहर में पेयजल समस्या तो है, लेकिन 4 दिन में अभी तक एक भी शिकायत नहीं मिली है। वहीं मेघनगर जनपद पंचायत स्तर कंट्रोल रूम प्रभारी शंकर लाल सोनी ने बताया कि 4 दिन में दो शिकायत मिली है। सबसे गंभीर समस्या चोखवाड़ा के लोगों की है। यहां भारतमाला परियोजना में 8 लेन सड़क के निर्माण की वजह से वर्षों पुराना कुआं सड़क के नीचे दबकर बंद हो गया। समस्या जनपद सीइओ को बताई। इसके अतिरिक्त जामदा पंचायत में सरपंच फलिया में लगा हैंडपंप में दो पाइप बढ़ाने की मांग थी, जिसे ग्राम पंचायत को हल करने के लिए कहा है। काम हुआ या नहीं इसकी सूचना नहीं मिली है।
पेटलावद ब्लॉक
शहरी कंट्रोल रूम प्रभारी दीपक वास्कले ने बताया कि अब तक एक भी शिकायत नहीं मिली है। 1 दिन छोड़कर पानी मिल रहा है। इसलिए ज्यादा समस्या नहीं है। पाइप लाइन फूटने की एक शिकायत मिलने पर हाथों-हाथ रिपेयर कर दिया गया था। वही जनपद स्तर पर कंट्रोल रूम प्रभारी दिनेश चंदेल ने बताया कि दो जगह से फोन आए थे। हैंडपंप की समस्या थी। एक जगह पाइप डाल कर तुरंत समस्या हल की गई।
राणापुर ब्लॉक
राणापुर ब्लॉक के जनपद पंचायत स्तर पर जल समस्या निराकरण करने वाले खुमानङ्क्षसह बिलवाल को 2.23 बजे फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। वही शहरी समस्या देखने वाले प्रभारी अर्पित हटीला ने बताया कि 4 दिन में राणापुर में से एक भी शिकायत नहीं मिली है।
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