एक संयुक्त रिपोर्ट में चेतावनी
European Continent is Warming twice as fast News in Hindi : यूरोप दुनिया का सबसे तेजी से गर्म होने वाला महाद्वीप बन चुका है। इसका तापमान वैश्विक औसत से लगभग दोगुना तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया के दो शीर्ष जलवायु निगरानी संगठनों संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और यूरोपीय संघ की जलवायु एजेंसी, कोपरनिकस की ओर से जारी एक संयुक्त रिपोर्ट में यह चेतावनी दी है।यूरोप में तापमान
Red Alert Report News in Hindi : विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महाद्वीप के पांच-वर्षीय औसत तापमान से पता चलता है कि यूरोप में तापमान अब पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2.3 डिग्री सेल्सियस (4.1 फ़ारेनहाइट) ऊपर चल रहा है, जबकि वैश्विक स्तर पर तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है।‘रेड अलर्ट’ चेतावनी के साथ आई
गौरतलब है कि 2015 के पेरिस जलवायु समझौते के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने से रोकना है। यह रिपोर्ट डब्ल्यूएमओ के वैश्विक जलवायु रिपोर्ट के वार्षिक अपडेट साथ जारी एक रिपोर्ट की महाद्वीपीय पूरक है। तीन दशकों से हर साल प्रकाशित हो रही यह रिपोर्ट इस साल एक ‘रेड अलर्ट’ चेतावनी के साथ आई है। रिपोर्ट में आगाहकिया गया है कि दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के परिणामों से लड़ने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है।
ग्लेशियर पिघलने पर चेतावनी
रिपोर्ट में बढ़ते तापमान का मानव स्वास्थ्य, ग्लेशियरों के पिघलने और आर्थिक गतिविधियों पर इसके असर बारे में गंभीर चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यूरोप महाद्वीप को बिजली के लिए पवन, सौर और पनबिजली जैसे नवीकरणीय स्रोतों की ओर तेजी से बढ़ने की रणनीति विकसित करनी होगी।यूरोप में रिन्यूबल स्रोतों से 43 फीसदी बिजली
एजेंसियों ने जलवायु स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि यूरोप ने पिछले वर्ष अपनी 43% बिजली नवीकरणीय संसाधनों से उत्पन्न की, जो कि पूर्ववर्ती वर्ष के 36% से अधिक है। गौरतलब है कि यूरोप में लगातार दूसरे वर्ष जीवाश्म ईंधन की तुलना में नवीकरणीय ऊर्जा से अधिक बिजली उत्पन्न हुई।46 डिग्री तक तापमान
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में लगभग आधा (41 फीसदी) दक्षिणी यूरोप बेहद गर्म मौसत स्थितियों से गुजरा है। इससे पहले यूरोप के इतने बढ़े हिस्से ने इतने गर्म मौसम का सामना नहीं किया। पिछले साल स्पेन, फ्रांस, इटली और ग्रीस में करीब 10 दिन भीषण गर्मी के दिन रहे, जिन दिनों में तापमान करीब 46 डिग्री सेल्सियस जैसा महसूस किया गया। इतना तापमान मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना गया है।जान-माल का नुकसान
यूरोप में पिछले साल तूफान, बाढ़ और जंगल की आग के कारण सीधे तौर पर 150 से अधिक लोगों की जान गई।2023 में यूरोप में मौसम और जलवायु से संबंधित आर्थिक नुकसान की लागत लगभग 14.3 बिलियन डॉलर आंकी गई है।पिछले दो साल में आल्प्स पर्वत के ग्लेशियर से 10% बर्फ खत्म हो गई है।