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पुर्तगाल में नमक-मिर्च, इटली में पनीर मांगने पर कहलाएंगे असभ्य

Published: Nov 10, 2015 10:46:00 am

अगर आप दुनिया घूमने के शौकीन हैं और कहीं जा रहें है तो उस देश के कल्चर के बारे में थोड़ी जानकारी जरूर रखें खासकर वहां के फूड हैबिट के बारे में।

अगर आप दुनिया घूमने के शौकीन हैं और कहीं जा रहें है तो उस देश के कल्चर के बारे में थोड़ी जानकारी जरूर रखें खासकर वहां के फूड हैबिट के बारे में।

रेस्तरां या किसी होटल में आपके खाने के तौर तरीके ही आपको वहां सभ्य और असभ्य बनाएंगे। हरेक देश की परम्पराएं अलग हैं, कहीं ऐसा ना हो कि आपकी कोई आदत या खाने का तरीका वहां की संस्कृति के विपरीत हो जिससे आप हंसी या क्रोध के पात्र बन जाएं।

आइए जानते हैं कुछ देशों के बारे में कि वहां लंच व डिनर करने का कल्चर क्या है? लोग किसे अच्छा और किसे बुरा मानते हैं।



भारत

थाली में न छोड़ें खाना

हमारे देश में थाली में खाना छोडऩे या बर्बाद करने को असभ्यता की श्रेणी में रखा जाता है। उतना ही खाना ले जितना आप खा सकते हैं। अगर खाना छोड़ते हैं तो माना जाएगा कि आप खाने का अनादर कर रहे हैं। सम्मान में पूरा खा लें। खाने से पहले व बाद में अच्छे से हाथ धोएं।

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क्या न करें : बाएं हाथ से खाना न खाएं। इसे ठीक नहीं माना जाता है। न तो जल्दी खाएं और न ही बहुत धीरे-धीरे। लोग मध्यम गति से खाना खाना पसंद करते हैं।

फ्रांस


टेबल पर रखें दोनों हाथ

फ्रांस के होटलों में खाते वक्तदोनों हाथ टेबल पर रखें। गोद या पैर पर हाथ रखने को यहां के लोग असभ्यता मनाते हैं। खाते समय कांटे की मदद के लिए ब्रेड के टुकड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन प्रयोग के बाद उसे प्लेट की जगह टेबल पर रख दें।

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क्या न करें : अगर कई लोगों के साथ खा रहे हैं तो बिल में हिस्सेदारी न करें। इसे अव्यवहारिक मना जाता है। हो सके तो पूरा बिल दें, नहीं तो कोई और बिल चुका देगा।

चीन

प्लेट में छोड़ें थोड़ा खाना

हमारे चीन में खाते समय डकार लेना अच्छा माना जाता है। मतलब आप खाने से संतुष्ट हैं और शेफ की तारीफ कर रहे हैं। खाते वक्त अच्छे पोशाक पहनें।

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क्या न करें : पूरा खाना नहीं खाएं। थोड़ा जरूर छोड़ दें। थोड़ा छोडऩे का अर्थ है कि आप भरपेट खा चुके हैं। व्यंजनों को बेकार में न काटें। इसे उग्र स्वभाव से जोड़कर देखा जाता है। टिप न दें, अधिकतर होटलों में नो टिप पॉलिसी है।

जापान

मुंह से निकालें आवाज

अपने देश में खाते समय मुंह से आवाज निकालना बुरा माना जाता है, लेकिन जापानी इसे अच्छा मानते हैं। खासकर नुडल व सूप पीने के दौरान। इससे माना जाता है कि खाना अच्छा है और आप शेफ की प्रशंसा कर रहे हैं।

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क्या न करें : बिल के साथ टिप न दें, इसे अखड़ स्वभाव माना जाता है। खाने के बाद चॉपस्टिक को क्रास न रखें। चॉपस्टिक से दूसरे बर्तन में खाना न निकालें, ऐसा वहां किसी व्यक्ति के अंत्येष्टि के समय किया जाता है।

इटली

पनीर बिल्कुल भी न मांगें

इटली में खाने के बाद दूध से बने उत्पादों का सेवन करना की प्रथा नहीं है। वहां के लोगों का मानना है कि यह पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचाता है। इसकी जगह कॉफी ले सकते हैं। स्पेशल गेस्ट के तौर पर बिल में 5-10 फीसदी अधिक भुगतान करने पर सभ्य माने जाएंगे।



क्या न करें : खाते समय अलग से पनीर न मांगे, यह अशिष्टों की श्रेणी में आता है। यहां सभी डिसेज में पनीर डाला जाता है। पिज्जा व सीफूड में भी लोग पनीर खाते हैं।

थाईलैंड

थाईलैंड में एक साथ सभी व्यंजनों का ऑर्डर करें। यहां खाना बार-बार न मंगा असंतुष्टि का प्रतीक है। खाना एक दूसरे के साथ बांटकर ही खाएं। थाईलैंड में अकेले खाना का मतलब अव्यवहारिक होना है।



क्या न करें : अपकी प्लेट में कांटा, छुड़ी, चम्मच सब रहेगा, लेकिन खाने में कांटे का प्रयोग न करें। यहां कांटा सिर्फ चम्मच को सहयोग देने के लिए होता है। पूरा खाना न खाएं। अंतिम टुकड़ा जरूर छोड़ दें।

पुर्तगाल

नमक-मिर्च मांगना शेफ का अपमान

खाने के बाद बिल में 10 फीसदी जोड़ कर दें। यहां टिप देना सम्मान की बात है। लगभग हर व्यक्ति टिप देता है।

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क्या न करें : टेबल पर नमक और कालीमिर्च पाउडर का डिब्बा नहीं है तो मांगें नहीं। अगर ऐसा करते हैं तो आप कुशल शेफ का अपमान कर रहे हैं। वहां लोग मानते हैं कि शेफ इतने कुशल हैं कि आपको इसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

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