भूखे रहकर पिलाओ पानी!
बाड़मेर। शहर में नगर परिषद की ओर से संचालित प्याऊओं पर नियुक्त कर्मचारियों को बारह...
बाड़मेर
Updated: January 16, 2015 12:03:26 pm
बाड़मेर। शहर में नगर परिषद की ओर से संचालित प्याऊओं पर नियुक्त कर्मचारियों को बारह घण्टे ड्यूटी करवाई जा रही है और मानदेय प्रतिदिन सौ रूपए भी नहीं दिया जा रहा हैं। महंगाई के इस दौर में इन कर्मचारियों का इतने से मानदेय में घर का गुजारा चलाना मुश्किल हो रहा है।
शहर में दानदाताओं की ओर से प्याऊओं का निर्माण किया गया ताकि राहगीरों को पानी के लिए तरसना नहीं पड़े। इन प्याऊओं का रख रखाव व देखभाल नगर परिषद की ओर से की जाती है। नगर परिषद ने इन प्याऊओं पर ठेका पद्धति के माध्यम से कर्मचारियों को नियुक्त किया। इन कर्मचारियों को दिनभर लोगों को पानी पिलाना और प्याऊ की चौकीदारी करने के लिए प्रतिमाह 2850 रूपए फिक्स मानदेय दिया जाता है। आसमान छूती महंगाई के इस दौर में 2850 रूपए में परिवार का गुजारा चलाना तो दूर की बात खुद का गुजारा भी बमुश्किल से होता है। ऎसे में इतने से मानदेय मे इन कर्मचारियों के लिए घरखर्च चलाना टेढी खीर से कम नहीं है।
हो रहा है शोषण
इन कर्मचारियों को बारह घण्टे प्याऊ पर पानी पिलाने व चौकीदारी क ा कार्य करना पड़ता है। अप्रेल से सितंबर तक सुबह 8 से शाम 7 तक तथा अक्टूबर से मार्च तक सुबह 7 से शाम 8 बजे तक ड्यूटी करनी होती है और न ही इन्हें कोई साप्ताहिक अवकाश दिया जाता है। हैरानी की बात है कि दिनभर काम करने के बावजूद इन्हें सौ रूपए भी प्रतिदिन नहीं दिए जाते हैं।
हर साल बढ़ते हैं दो सौ रूपये
इनके मानदेय में प्रतिवर्ष मार्च माह में ठेका परिवर्तन करने पर दो सौ रूपए की वृद्धि की जाती है। इस बार आचार संहिता के कारण ठेका परिवर्तन में देरी हुई। इस कारण मार्च की बजाए मई माह में इनके मानदेय में वृद्धि हुई। लेकिन इस बार दो सौ की बजाय साढ़े चार सौ रूपए बढ़ाए गए। मई से पूर्व इन्हें 2400 रूपए मानदेय मिलता था।
यहां है प्याऊएं
शहर में चौदह स्थानों पर ऎसी प्याऊएं है जिनका संचालन नगर परिषद की ओर से किया जाता है। रेलवे कुआ नम्बर तीन, पनघट रोड, पांचबती सर्किल से ऊपर, राय कॉलोनी स्कूल के पास, सीएमएचओ कार्यालय के पास, तिलक बस स्टैण्ड के अंदर, स्टेशन रोड, निजी बस स्टैण्ड सर्किट हाऊस के पास, राजकीय अस्पताल के बाहर, सार्वजनिक मोक्षधाम के पास, नगर परिषद के पीछे, कलेक्ट्रेट के सामने बाल उद्यान के बाहर आदि स्थानों पर प्याऊ है।
कम है मानदेय
कर्मचारियों को 2850 रूपए प्रतिमाह मानदेय मिलता है तो यह तो बेहद ही कम है, तय श्रम मजदूरी भी नहीं मिल रही है। मानदेय में वृद्धि के प्रयास किए जाएंगे। जोधाराम विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद
प्रयास करेंगे
मानदेय कम है, लेकिन हमारे पास कर्मचारियों की कोई मांग नहीं आई है। फिर भी नियमों की जानकारी लेकर मानदेय में वृद्धि के प्रयास करेंगे।
उषा जैन, सभापति, नगर परिषद

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