पुलिसकर्मियों से ये कैसा मजाक!
राजसमंद।बाजार में एक ड्रेस की धुलाई में बीस रूपए एवं एक बार बूट पॉलिश के 10 रूपए लगते ...
राजसमंद
Updated: January 16, 2015 12:02:51 pm
राजसमंद।बाजार में एक ड्रेस की धुलाई में बीस रूपए एवं एक बार बूट पॉलिश के 10 रूपए लगते है, मगर सरकार पुलिसकर्मियों को वर्दी की धुलाई के महज 30 पैसे एवं बूट पॉलिश के 27 पैसे ही देती है। हथियार रखरखाव, वर्दी सिलाई, यात्रा के लिए भी इसी समकक्ष भत्ता मिलता है, जो किसी मजाक से कम नहीं है।
महंगाई से कई गुणा कम भत्ते से न पुलिसकर्मी का गुजारा संभव है और न ही कोई राहत। ब्रिटिशराज से स्वतंत्र होकर भी पुलिस महकमा ब्रिटिश पद्धति से मुक्त नहीं हुआ। पुलिसकर्मी को रोजमर्रा के देय लाभ में नाममात्र का भत्ता मिलता है और सुविधा कुछ भी नहीं। फिर भी चौबीस घंटे अलर्ट रहो और जब जहां जरूरत पड़े तुरंत पहुंच जाओ। पुलिसकर्मी आर्थिक नुकसान के साथ तनाव में जिन्दगी जीने को मजबूर हैं।
फिर कैसे मरम्मत, बूट पॉलिश
हथियार रखरखाव के लिए वर्षभर में पुलिसकर्मी को 10 रूपए दिए जाते हैं, जबकि खर्च 100 से 500 रूपए तक आता है। सालभर जूते पॉलिश के लिए सौ रूपए का भत्ता है, जिससे दस दिन ही पॉलिश होती है। बाजार में वर्दी की सिलाई 800-900 रूपए दर है, मगर सरकार से 300 रूपए ही देय है। कांस्टेबल व हैड कांस्टेबल को धुलाई के 113 व एसआई व सीआई को 100 रूपए का धुलाई भत्ता मिलता है।
जांच के लिए पांच लीटर पेट्रोल
अनुसंधान अधिकारी को अनुसंधान के लिए महज पांच लीटर पेट्रोल देय है। इसके अलावा न कोई स्टेशनरी मिलती है और न ही पेन, कार्बन एवं फोटोकॉपी का खर्च ही मिलता है।
यात्रा असीमित, भत्ता सीमित
घटना, दुर्घटना, चोरी, लूट, डकैती सरीखी घटनाओं पर पुलिसकर्मी को तत्काल कभी भी जाना पड़ सकता है। ऎसे में महीने की यात्रा असीमित रहती है, फिर भी सरकार से फिक्स यात्रा भत्ता ही भुगतान होता है। कांस्टेबल 500 रूपए, हैड कांस्टेबल व एसआई 750 रूपए फिक्स ट्रेवलिंग भत्ता हर महीने दिया जाता है।
यह है अन्य भत्तों की स्थिति
हार्ड ड्यूटी भत्ता बेसिक व डीए का 12वां भाग
वेतन का 10 प्रतिशत मकान किराया भत्ता
मेस भत्ता कांस्टेबल व हैड कांस्टेबल को 1500 रूपए तथा एएसआई व एसआई को 1750 रूपए मासिक
एमटीए सिर्फ चालक को 260 रूपए मासिक

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