नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के 2 जनवरी को दिए गए निर्णय के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और उससे संबंद्ध राज्य संघों के ‘अयोग्य’ माने गए पदाधिकारी अब भी बचाव की जुगत भिड़ा रहे हैं। इसके लिए ये पदाधिकारी फिर से सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बार बहाना बनाया जा रहा है जस्टिस आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली लोढा कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट निर्णय के आधार पर जारी किए गए नए निर्देशों को। इन पदाधिकारी की दलील है कि इनमें से कुछ निर्देश सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को हवा में उड़ा रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, ये ‘अयोग्य’ पदाधिकारी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाएंगे, जिसमें इन निर्देशों के खिलाफ गुहार लगाई जाएगी। यह याचिका 19 जनवरी से पहले यानि बुधवार को लगाई जाएगी। बता दें कि 19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त की गई दो सदस्यीय अधिवक्ताओं की समिति बीसीसीआई के नए पदाधिकारी लोढा समिति की सिफारिशों के तहत चुने जाने तक उसका कामकाज चलाने के लिए बनने वाली अंतरिम प्रशासक कमेटी के सदस्यों का नाम सर्वोच्च अदालत को सौंपेंगे और इन नामों को सुप्रीम कोर्ट अपनी हरी झंडी दिखाएगा।
ये ‘अयोग्यÓ पदाधिकारी लोढा पैनल के उस फैसले पर भी एेतराज उठाएंगे, जिसमें इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवर क्रिकेट के लिए टीम चयन की सहमति लोढा पैनल से ली गई और जूनियर चयनकर्ताओं की 5 सदस्यीय समिति में से पूर्व टेस्ट क्रिकेटर आशीष कपूर व अमित शर्मा को हटाए जाने पर भी एेतराज जताया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2 जनवरी के निर्णय में जस्टिस आरएम लोढा की कमेटी के विषय में कहा था कि वह सुधारों की पॉलिसी तय करने और कोर्ट की तरफ से रेफर किए गए मुद्दों पर निर्देश देने तक ही सीमित रहेगी। इन ‘अयोग्य’ पदाधिकारियों का इसी आधार पर यह कहना है कि निर्णय में बीसीसीआई के पदाधिकारियों से संबंधित सेक्शन में कहीं पर भी लोढा कमेटी को यह शक्ति नहीं दी गई हैं कि वह टीम चयन में हस्तक्षेप कर सके या ‘अयोग्य’ पदाधिकारियों को राज्य संघों के नॉमिनी के तौर पर बीसीसीआई में वापसी से रोक सके। इनका कहना है कि इनमें से कोई भी मामला लोढा कमेटी को रेफर नहीं किया गया है।
बता दें कि लोढा कमेटी की तरफ से राज्य संघों की जिज्ञासाओं के जवाब में जारी किए गए निर्देशों के सेट में एेसे पदाधिकारियों को नॉमिनी के तौर पर लौटने से रोका गया है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की मूल भावना के तहत अयोग्य करार दिए गए हों। लेकिन बीसीसीआई के एक पूर्व सीनियर पदाधिकारी, जो एक जाने-माने वकील भी हैं, इसे गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि बीसीसीआई के पूर्ण सदस्य राज्य संघ को अपना नॉमिनी नियुक्त करने से नहीं रोका जा सकता है। इस संबंध में कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं दिया है।
Home / Uncategorized / लोढा कमेटी बनाम बीसीसीआई : फिर से कोर्ट जाने की तैयारी में अयोग्य पदाधिकारी