इस बीच आसाराम के हाथों यौन उत्पीड़न का शिकार हुई पीड़िता ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि केन्द्र और राज्य सरकार इस मामले पर अपना रूख स्पष्ट करें। पीड़िता ने कहा, अब तक तीन गवाह मारे जा चुके हैं। सीबीआई से जांच का आदेश देने के लिए यह पर्याप्त वजह होनी चाहिए। हम इंतजार कर रहे हैं कि केन्द्र व राज्य सरकार यह साबित करें कि वह सीरियल बलात्कारियों के साथ नहीं है। मुझे पूरा भरोसा है कि सीबीआई अन्य लोगों को जान बचाएगी और यह साबित होगा कि आसाराम रेपिस्ट और किलर है।
आसाराम ने 15 अगस्त 2015 नाबालिग पीड़िता के साथ जोधपुर स्थित आश्रम में बलात्कार किया था। पीड़िता के माता-पिता पूर्व में आसाराम के अनुयायी थे। आसाराम केस के अन्य गवाह (जिसकी मौत हो चुकी है) की पत्नी वर्षा गुप्ता ने कहा, हम सभी को पता है कि 11 जनवरी को आसाराम के गुंडों ने मेरे पति की हत्या की थी लेकिन पुलिस जांच में देरी कर रही है। मैं राज्य और केन्द्र सरकार से मांग करती हूं कि गवाहों की हत्या के सभी मामले सीबीआई को सौंपे जाए जिससे हत्यारों को जल्द से जल्द सजा मिले।
मुजफ्फरनगर के रहने वाले अखिल गुप्ता ने कोर्ट को बताया था कि उसने 2004 में आसाराम के सूरत स्थित आश्रम में दो लड़कियों को जाते हुए देखा था। इसके बाद दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर बलात्कार का आरोप लगाया था। गुप्ता की पत्नी वर्षा इस मामले में गवाह है। पिछले साल जून में मामले से जुड़े प्रमुख गवाह अमृत प्रजापति की हत्या कर दी गई थी।