scriptNow in the grip of Moyla mustard | अब मोयला की चपेट में सरसों | Patrika News

अब मोयला की चपेट में सरसों

locationनई दिल्लीPublished: Jan 31, 2015 09:55:50 pm

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झालावाड़। जिले में पिछले करीब एक माह से मौसम के मिजाज के गड़बड़ाए रहने से पहले धनिए अ...

झालावाड़। जिले में पिछले करीब एक माह से मौसम के मिजाज के गड़बड़ाए रहने से पहले धनिए और अब सरसों की फसलों पर मुसीबत आ गई है। जहां खानपुर, सारोला, सुनेल, झालरापाटन, मनोहरथाना, अकलेरा, बकानी क्षेत्र में धनिए की फसल में करीब साठ र से सत्तर फीसदी तक नुकसान हो चुका है।

वहीं धूप नहीं निकलने के चलते सरसों में अब मोयला रोग लगने लग गया है। इधर, कृषि विभाग ने भी फसलों में नुकसान माना है। जिले में गत छह दिनों से लगातार बारिश व बादल छाए हुए थे। ऎसे में लगातार ठंड पड़ने से धनिए की फसल को नुकसान हुआ है।

सूत्रों ने बताया कि सर्वे के अनुसार जिले में धनिए के 84 हजार 550 हैक्टेयर में से 10 हजार हैक्टेयर में लौंगिया रोग का प्रकोप है। जबकि लगतार तेज सर्दी होने से कई जगह धनिया काला भी हो गया हैं। इसी तरह सरसों में करीब 150 हैक्टेयर में मोयला रोग का प्रकोप माना है।

लेकिन तेज सर्दी का मौसम इस रोग के लिए अनुकूल हैं। तेज सर्दी में ओस की बूंदों के माध्यम से सरसों में सफेद रोली रोग में फसलों से इसका सफेद पाउडर नीचे गिर जाता हैं। इसके चलते इस रोग का भी प्रभाव कम हो रहा हैं। जिले में सरसों का रकबा करीब 30 हजार हैक्टेयर हैं।

गेहूं व दलहन फसलों को फायदा
तेज सर्दी होने से गेहूं की फसल को फायदा है। इससे गेहूं में पकाव और बढ़ेगा। इसके चलते गेहूं की पैदावार अधिक होने व गेहूं का दाना इस बारिश से और मोटा होने के आसार है।

इस मौसम में तेज बारिश से गेहूं की फसल को एक पानी कम पिलाना होगा। जिले में गेहूं का रकबा 1 लाख 8 हजार, धनिए का 84 हजार 550 हैक्टेयर शेष रकबा दलहन फसलों का हैं।

थमने की बजाय बढ़ गया
खानपुर/सारोला। उपखंड क्षेत्र में एक सप्ताह से लगातार जारी कोहरे व हल्की बरसात से धनिया फसल में लोंगिया रोग थमने की बजाय तेजी से बढ़ा है। जिससे धनिया फसल के कई खेत चौपट हो गए । इससे वहीं कोहरे से सरसाें फसल में मोयला रोग लगा है। खास तौर से धनिया उत्पादक किसान संासत में हैं।

खेतों में लहलहाती धनिया फसल को चौपट होती देख किसानों के चेहरों पर चिन्ता व्याप्त हो गई हैं। दो साल से बिगड़ी फसलों से उभर भी नही पाए थे । फिर धनिया फसल रोग की चपेट में आ गई। स्थिति यह है कि कई खेतों धनिया फसल लोंगिया रोग से टूट कर सड़ गई। उपखंड क्षेत्र में इस बार 12000 हेक्टेयर रकबे में धनिया फसल हें।

जिसमें तारज, अम्बाला, करनवास, मालनवासा, सारोला, सीलखेडी सोजपुर खंडी समेत कई गांवों में अगेती फसल है। अगेती धनिया फसल में इन दिनों भरपूर फूल बन रहे हैं। कृषि विभाग के सूत्रों व किसानों का मानना है कि अगेती धनिया फसल में 40 से 50 फीसदी नुकसान पहुंचा है।

कृषि विभाग सहायक निदेशक भगवानसिह ने बताया कि नमी व कोहरे से लोंगिया रोग बढा है। धूप खिलते ही धनिया फसल को खासी राहत मिलेगी। रोग नियत्रंण के लिए धनिया उत्पादक किसान सम्बन्घित कृषि पर्यवेक्षक से आवेदन भरवा कर बाघेर सहकारी समिति से 50 फीसदी अनुदान पर यानी की प्रति हैक्टेयर पर 500 रूपए अनुदान पर कीटनाशक दवाएं खरीद सकते हैं।

सुनेल। इन दिनों क्षेत्र में सरसों की फसल में फूल व फलियां बनने का सिलसिला चल रहा है। जिसमें मोयला कीट का प्रकोप देखने में आ रहा है, इससे किसान चिंतित है। किसानों की माने तो बदलते मौसम व तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते सरसों की फसल में मोयला कीट उत्पन्न हुआ है। इससे सरसों के फूल नष्ट हो रहे हंै और फलियों की ग्रोथ रूककर नष्ट हो रही है।

मैथी, मसूर में भी मोयला कीट उत्पन्न होने की जानकारी मिली है। किसान कैलाश नागर ने बताया कि 5 बीघा के खेत में सरसों की फसल में मोयला कीट लगने से टाफगोर डाइमेथोएट व टाटामिड़ा इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव किया गया है। कृषि विभाग के अनुसार नमी के चलते मोयला कीट का प्रभाव सरसों की फसल में हो रहा है। यह कीट पौधे के तने, फूल, फली का रस चूसता है, जिससे सरसों की पैदावार में कमी आती है।

धनिए की फसल के अलावा ओर किसी भी फसल को तेज सर्दी से अधिक नुकसान नहीं है। इस रोग से बचाव के लिए भी सब्सिडी युक्त कीटनाशक का वितरण किसानों को किया जा रहा है।
महेश शर्मा, उपनिदेशक कृषि विस्तार
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