scriptnow mani shankar aiyar gave controversial statement for afzal guru | अब मणिशंकर बोले, अफजल गुरू के साथ हुई नाइंसाफी | Patrika News

अब मणिशंकर बोले, अफजल गुरू के साथ हुई नाइंसाफी

Published: Mar 03, 2015 07:02:40 pm

Submitted by:

firoz shaifi

कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने आतंकी अफजल गुरु को फांसी देने के मुद्दे पर पीडीपी विधायकों के सुर में सुर मिला दिया है।

कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने आतंकी अफजल गुरु को फांसी देने के मुद्दे पर पीडीपी विधायकों के सुर में सुर मिला दिया है।
 
राज्यसभा सदस्य अय्यर ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में कहा कि अफजल के साथ नाइंसाफी हुई थी। उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे। जो हो गया उसे बदला तो नहीं जा सकता है, लेकिन अफजल के अवशेष को उसके परिवार को सौंपकर गलती सुधारी जा सकती है।

 शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा,अफजल को फांसी दी गई क्योंकि वह देशद्रोही था। उसे सुप्रीम कोर्ट और कानून ने सजा दी।

 अगर मणिशंकर को लगता है कि अफजल के साथ नाइंसाफी हुई थी, तो उन्हें यह बयान पाकिस्तान में जाकर देना चाहिए यहां नहीं।

 मालूम हो, सोमवार को पीडीपी के आठ विधायकों ने संसद हमले के दोषी अफजल के शव के अवशेष कश्मीर लाने की मांग की थी।
संघ तक पहुंचे असंतोष के सुर
जम्मू कश्मीर में पीड़ीपी के साथ सरकार बनने के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ असंतोष उभरने लगा है।

 पीड़ीपी विधायकों के अफजल पर बयान से नाराज भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने संघ से जम्मू मामले में पार्टी की नीति में दखल देने की मांग की है।

 सूत्रो के अनुसार, पीड़ीपी के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम से खुद को ठगा महसूस कर रहे संघ के महामंत्री रामलाल की केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से इस मसले पर चर्चा हुई है।

 संघ का आकलन है कि सत्ता के लिए भाजपा ने धारा 370 पर यू टर्न लिया है, उससे पार्टी की फजीहत होना तय है। सूत्रों की माने तो संघ को भाजपा के नुकसान से ज्यादा अपनी छवि की चिंता सता रही है।

सूत्र बताते है जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीड़ीपी के सरकार बनाने और दोनों दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर संघ मार्च में नागपुर में होने जा रही अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में विचार करने के साथ ही तीखे तेवर अपना सकता है।
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