बेंगलूरु. हासन के होलेनरसीपुर से करीब 6 किलोमीटर दूर श्रीरामदेवर कट्टे के निकट एक झाड़ी में गुरुवार शाम फेंकी मिली नन्हीं बच्ची की सेहत और बिगड़ गई है। सोमवार को उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। चिकित्सकों के अनुसार उसकी हालत बेहद गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है। चिकित्सकों का विशेष दल निरंतर उसके स्वास्थ्य पर नजर रखे है।
हासन जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पलाक्षा एस. के. ने बताया कि सेप्सिस के कारण बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे बचाने की हर संभव कोशिश जारी है। बच्ची को जब अस्पताल लाया गया था तो उसके पूरी शरीर पर जख्म थे। नोचने-खसोटने के निशान भी थे। छाती में सूजन थी। शरीर से काफी रक्त बह गया था। रक्त चढ़ाया गया। अलग से प्लाज्मा भी चढ़ाया गया। फेफड़ों के छोड़ शरीर के अन्य सभी अंग सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। बच्ची बीच-बीच में रोती भी है। अगले दो से चार दिनों के बाद ही बच्ची की स्थिति साफ हो सकेगी।
यह है सेप्सिस
रक्त में बैक्टीरिया के संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है सेप्सिस। इसमें रक्त में श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या बहुत बढ़ जाती है। शरीर में एंटी-बैक्टीरियल हार्मोन इतने अधिक बनने लगते हैं कि वह अपने ही शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। रक्त के थक्के बनते हैं और रक्त वाहिकाओं से रिसाव होने लगता है। शरीर के अंगों को पर्याप्त पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। बीमारी बढऩे पर रक्तचाप गिर जाता है और हृदय कमजोर हो जाता है। मरीज की जान पर बन आती है।