वाशिंगटन। भारत ने विश्व बैंक में अपना योगदान बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डॉ. जिम योंग किम के साथ मुलाकात के दौरान इस दिशा में भारत की तत्परता से उन्हें अवगत कराया।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक तथा अन्य सहयोगी संस्थाओं की बैठक में हिस्सा लेने यहाँ आये जेटली ने बुधवार को जिम के साथ मुलाकात के दौरान विश्व बैंक समूह से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने समूह की उधार देने की क्षमता बढ़ाने का समर्थन किया तथा कहा कि भारत डायनेमिक फॉर्मूलों की जरूरतों से ज्यादा योगदान देने को तत्पर है।
जेटली ने कहा कि विश्व बैंक समूह को सदस्य देशों के साथ मिलकर वित्तीय समाधान के नये तरीके तलाशने चाहिये। वित्त मंत्री ने भारत के साथ विश्व बैंक समूह के दोनों पक्षों के लिए लाभकारी लंबे संबंधों की सराहना की। उन्होंने भारत के विकास में, विशेषकर नयी सरकार के साथ चिह्नित छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में, विश्व बैंक के सहयोग की तारीफ की।
राष्ट्रमंडल की महासचिव पैट्रिशिया स्कॉटलैंड ने भी जेटली से मुलाकात की। शाम के समय उनके सम्मान में आयोजित एक समारोह में वित्त मंत्री अमेरिका के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से भी मिले। जेटली के साथ गये आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांता दास ने अमेरिकी वित्त विभाग के अंडर-सेक्रेटरी नैथन शीट्स से मुलाकात की।
उन्होंने दोनों देशों की अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश कोष में तकनीकी सहयोग में हुई प्रगति, सार्वजनिक ऋण प्रबंधन तथा म्यूनिसिपल बांडों पर चर्चा की तथा इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। दास ने इस दौरान भारत की टिकाऊ तेज विकास को रेखांकित किया तथा वस्तु एवं सेवा कर, दिवालिया कानून तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को उदार बनाने के बारे में मौजूदा सरकार के प्रयासों से श्री शीट्स को अवगत कराया।
जेटली और दास के साथ भारतीय प्रतिनिधि मंडल में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम् तथा अन्य अधिकारी शामिल हैं।
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