डीसीपी क्राइम ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह क्विकर समेत अन्य वेबसाइट से युवाओं का डाटा खरीदते थे। इन वेबसाइट पर बेरोजगार नौकरी के लिए अपना रिज्यूम समेत अन्य जानकारी अपलोड करते हैं। आरोपी एक युवक की जानकारी देने के एवज में 5 से 10 रुपये देते थे। यह डेटा अलग-अलग लोगों से खरीदा जाता था। फिर आरोपी नौकरी ढूंढने वालों का डाटा लेकर उन्हें कॉल करके व ई-मेल भेजकर नौकरी लगवाने का झांसा देते थे। इसके बाद रजिस्ट्रेशन चार्ज, बांड चार्ज, सिक्योरिटी आदि के नाम पर फर्जी बैंक खतों और फोन पे, पेटीएम आदि वॉलेट में पैसे डलवाते थे। आरोपी के द्वारा प्रयोग किये गये सारे फर्जी बैंक खाते राजीव निवासी दिल्ली उपलब्ध कराता है।
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Fire in Meerut : दुकान में लगी भीषण आग में जिंदा जला व्यापारी,लाखोंं का नुकसान कई राज्यों के युवाओं को बनाया अपना शिकार डीसीपी क्राइम ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह ने 100 से ज्यादा लोगों से एक करोड़ से अधिक रुपये की ठगी की है। पीड़ित में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्यप्रदेश, हरियाणा, बिहार सहित अन्य प्रदेशों के अलग-अलग जिलों के लोग शामिल हैं। इनमें से कई पीड़ित का डेटा पुलिस को मिला है। पुलिस ने इनके पास से 11 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 29 शीट कालिंग डाटा व एक इंडिगो एयरलाइंस की फर्जी मुहर बरामद की है।
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अयोध्या में सरयू तट पर विकलांग युवक की हत्या से मचा हड़कंप पुलिस को पीड़ितों ने बताई आपबीती उन्होने बताया कि आरोपियों से जो मोबाइल बरामद किए उन पर लगातार पीड़ित की कॉल आ रही थी। पुलिस ने एक कॉल रिसीव की तो कॉलर ने अपना नाम विपन चन्द निवासी हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) बताया। पीड़ित ने बताया कि ठगों ने उनसे इंडिगो एयरलाइन में नौकरी दिलवाने के नाम पर 7 लाख रुपए ठग लिए हैं। इसी तरह दूसरे मोबाइल पर विनय कुमार उपाध्याय निवासी जमुई परसीपुर, सन्तरविदास नगर उत्तर प्रदेश ने कॉल की। उसने बताया कि ठगों ने उनसे नौकरी दिलाने के नाम पर 1.25 लाख रुपए ठग लिए हैं।