जमीन खरीद घोटाले पर सीबीआई की नजर बनी हुई थी, जब उसे इस बात की भनक लगी कि आरोपितों को लाभ पहुंचाने के लिए लाखों रुपए का खेल चल रहा है। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया तो पांच लोग इस जाल में फंस गए। इस मामले में यमुना अथॉरिटी के तत्कालीन तहसीलदार रणवीर सिंह, गाजियाबाद सीबीआई अकैडमी में तैनात सीबीआई के इंस्पेक्टर वीएस राठौर, सीबीआई के एसएआई सुनील दत्त और यूपी पुलिस के दो अफसर समेत पांच लोगों पर सीबीआई ने शनिवार को आईपीसी की धारा 120बी और पीसी एक्ट की धारा 7, 7ए और 8 के तहत मुकदमा दर्ज़ किया गया। इनमें से तहसीलदार व सीबीआई के दोनों इंस्पेक्टर समेत चार लोगों को सीबीआई ने हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही सीबीआई की टीम ने शनिवार व रविवार को ग्रेटर नोएडा, नोएडा और गाजियाबाद में छापेमारी की। इनमें से तहसीलदार व सीबीआई के दोनों अफसर समेत चार लोगों को सीबीआई ने हिरासत में ले लिया।
इस मामले मे इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर सीओ निशांक शर्मा भी जांच के घेरे में आ गए। सीबीआई की टीम ने निशांक शर्मा को जांच के संबंध में दिल्ली लेकर गई थी। उनसे लंबी पूछताछ की गई है। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। इसके बाद एसएसपी ने उनसे सीओ ग्रेटर नोएडा-1 का चार्ज छीन लिया। जिले की मीडिया सेल की तरफ से रविवार इस संबंध में सूचना जारी की गई। उनका चार्ज सीओ ग्रेनो-3 पीयूष सिंह को दिया गया। वह दोनों सर्कल का चार्ज देखेंगे। सीबीआई निशाने पर एक और सीओ भी है, जिनके साथ सीबीआई पूछताछ कर सकती है।
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार रणवीर सिंह को यमुना अथॉरिटी घोटाला प्रकरण का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। चर्चा है कि पुलिस और सीबीआई के अफसर उसे बचाने का काम कर रहे थे। नोएडा के सेक्टर-27 में स्टाफ कॉलोनी स्थित रणवीर सिंह के मकान पर सीबीआई ने छापा मारा। सीबीआई ने ग्रेटर नोएडा में भी अंसल मॉल के निकट रणवीर सिंह के एक ऑफिस पर छापेमारी की। गाजियाबाद में भी छापेमारी की गई है। सीबीआई की टीम ने रणवीर सिंह और सीबीआई के इंस्पेक्टर व एएसआई समेत चार लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें एक वकील भी बताया जा रहा है। सीबीआई के इंस्पेक्टर व एएसआई पर रिश्वत लेने का आरोप है।
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, यमुना अथॉरिटी के जमीन खरीद घोटाले के आरोपितों को लाभ पहुंचाने के लिए लाखों रुपये का खेल चल रहा था। आरोप है कि कुछ दिनों पहले रणवीर सिंह से जुड़े तीन लोगों को 10 लाख रुपये लेकर कोर्ट में सरेंडर कराया गया था। इसमें सीबीआई के दोनों अफसरों ने यूपी पुलिस के एक अन्य अफसर के साथ मिलकर सारी सेटिंग की थी। राठौर और सुनील दत्त इस मामले में यूपी पुलिस के अफसर से मिलकर जांच को मैनेज करा रहे थे। आरोप है कि इन सभी ने 31 जनवरी को 10 लाख रुपये लिए थे। घोटाले में रणवीर सिंह व उसके साथियों से रिमांड के दौरान कुछ भी बरामद न होने की रिपोर्ट देने के लिए इन लोगों ने 25 लाख रुपये की मांग की थी। बाद में 20 लाख रुपये में सौदा तय हुआ। दिल्ली के सैनिक फार्म में रहने वाले वाई तोमर से रणवीर को ये रुपये जुटाने थे।
यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने 2013 से 2015 के बीच मथुरा के नौझील के पास 7 गांवों में 19 लोगों व कंपनियों से करीब 57 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। यह जमीन मास्टर प्लान से बाहर है और निकट भविष्य में इसका कोई यूज नहीं है। जिन लोगों व कंपनियों से अथॉरिटी ने जमीन खरीदी, उन्होंने कुछ माह पहले ही किसानों से सस्ते दर पर जमीन ली थी। इसके बाद इन लोगों ने अथॉरिटी को जमीन देकर कई गुना अधिक मुआवजा ले लिया। जांच में सामने आया है कि इसके लिए फर्जी कंपनियां बनाई गई थीं। किसानों से जमीन लेकर अथॉरिटी को बेचने वाले लोग आरोपित अफसरों के रिश्तेदार, परिवार के लोग और करीबी थे। इस मामले में 3 जून को कासना कोतवाली में पीसी गुप्ता समेत 21 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जांच के दौरान अब तक करीब 50 लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। 22 जून को गुप्ता को दतिया से गिरफ्तार किया गया था। गुप्ता इस समय जेल में है।