एनसीआर ( NCR ) के हजारों परिवार अब इन बिल्डरों ( builder ) को ढूंढ रहे हैं जो उन्हें घर का सपना दिखाकर गायब हो गए। इन्हाेंने सिर्फ अपने घर का सपना ही नहीं दिखाया बल्कि सैकड़ों लोगों से उनकी खून-पसीने की कमाई भी लूट ली। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ऐसे बिल्डरों की संख्या करीब 20 है। यह सभी वह बिल्डर हैं जिन्होंने लोगों को अपने घर का सपना दिखाया और उनकी खून-पसीने की कमाई को किस्तों में खींच लिया। इस तरह हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की रकम हड़पकर ये लोग नाटकीय ढंग से फरार हो गए। इन बिल्डरों ने जो प्रोजेक्ट नक्शे पर दिखाए थे उन प्रोजेक्ट के लिए कभी कोई जमीन तक नहीं खरीदी गई। इन बिल्डर उर्फ ठगों का शिकार हुए कई परिवार तो ऐसे भी हैं जो अपनी जीवनभर की कमाई ही गवा बैठे हैं। इस बड़े गोलमाल का पता उस वक्त चला जब यूपी रेरा की ओर से वसूली के लिए आरसी जारी की गई। आरसी जारी होने के बाद इन बिल्डरों की तलाश शुरू हुई। तलाश करने पर पता चला कि यह प्रोजेक्ट जमीन पर कभी थे ही नहीं। यह सभी प्रोजेक्ट पर केवल कागजों पर ही थे और उन्होंने लोगों को सिर्फ कागजी सपने ही दिखाए थे।
ऐसे खुला राज
पिछले दिनों रेरा की ओर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 91 बिल्डरों को एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का नोटिस जारी किया। यह सभी नोटिस राजस्व वसूली के थे। वसूली की जिम्मेदारी नायब तहसीलदार को दी गई। नायब तहसीलदार सीमा सिंह ने जब धरातल पर इन बिल्डर की तलाश की तो 20 बिल्डर गायब मिले। पता चला कि 20 ऐसे बिल्डर हैं जिन्हाेंने लोगों काे सपना ताे दिखाया और उनसे पैसे भी लिए लेकिन कभी काेई प्रोजेक्ट तैयार ही नहीं हुआ और कोई जमीन तक नहीं खरीदी गई। इन 20 बिल्डर पर रेरा ने 70 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस जुर्माना राशि से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन्हाेंने कितने बड़े सपने दिखाएं होंगे। इन्हाेंने झूठी साइट्स बनाई झूठे प्रोजेक्ट तैयार किए और लोगों को घर का सपना दिखाकर उनसे पैसा लूट लिया.
इन बिल्डरों के नाम कोई संपत्ति तक नहीं
फरार हुए इन बिल्डरों से पैसे की वसूली करने के लिए इनकी संपत्ति कुर्क किए जाने का रास्ता बचा तो तहसीलदार ने सब रजिस्ट्री विभाग से इनकी संपत्ति की जानकारी मांगी। पूछा गया कि क्या इनके नाम कोई संपत्ति है ? विभाग को उस समय बड़ा झटका लगा जब रजिस्ट्री विभाग ने बताया कि इन बिल्डरों के नाम कोई संपत्ति है ही नहीं, यानी इन्होंने कभी कोई जमीन भी नहीं खरीदी थी.
ये हैं बिल्डर
लोगों का पैसा लेकर भागने वालों में मुख्य रूप से सान्या इंटरनेशनल, प्रीमियां प्रोजेक्ट, सौम्य, कांन्सपैट हॉरिजन, निवास प्रमोटर, कंटेंट इंफ्रा, कॉस्मिक स्ट्रक्चर, बिलकॉन,बीजीए डेवलपर, वर्द्धमान बिल्डर, आधार इंफ्रा, ऐसोटेक, थ्री-सी ग्रीन डेवलपर, आरसिस, रॉयल गोल्फ सिटी, कॉलोनाइजर प्राइवेट लिमिटेड, अल्ट्रा होम प्राइवेट लिमिटेड, कृष्णा एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड.
दर्ज होंगे मुकदमे
विभाग ने अब इन सभी नटवर लालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर ली है. जिलाधिकारी सुहास एलवाई के अनुसार इन सभी बिल्डरों के खिलाफ शिकायत मिलने पर इनके खिलाफ मामले दर्ज कराए जाएंगे। इन सभी ने हजारों परिवारों के साथ ठगी की है। झूठे प्रोजेक्ट दिखाकर लोगों को ठग लिया और फ्लैट्स की बुकिंग के नाम पर करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गए.