उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर प्री-बिड मीटिंग हुई है, जिसमें 20 से अधिक कम्पनियो ने हिस्सा लिया है। इस बैठक में कुछ कंपनियां ऑनलाइन तो कुछ यमुना प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचीं। इस दौरान आईडीसी संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव औद्योगिक अरविंद कुमार, यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह, एसीईओ मोनिका रानी, रविंद्र सिंह, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, ओएसडी शैलेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
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महिलाओं के लिए कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी, इन 15 घोषणाओं में जानिए प्रियंका गांधी के वादे ये कंपनियां हुई बैठक में शामिल बैठक में इरोज इंटरनेशनल, बालाजी टेली फिल्मस, एलएंडटी, एआईडीए मैनेजमेंट, श्री हंस ग्रीन टेक्नोलॉजी, इंवेंटम टेक्नोलॉजी, श्री टीवी, ओरिएंट, गोदरेज, आयरन स्टोर प्राइवेट लिमिटेड, केईसी इंटरनेशनल लिमिटेड, अरर्नेस्ट एंड यंग, इमेजिनक्रोन इंफ्रा, ज्वाइंट रॉकेट मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल (सुभाष घई की कंपनी), बीडीपी, जेट वर्क इंटरनेशनल, ट्यूलिप इंटरनेशनल, पापुल्स, ग्रीन विच स्टेट कंपनी शामिल हुईं। इस बैठक में कंपनियों के सवालों के जवाब प्राधिकरण अधिकारियों ने दिए। कंपनियों ने पूछा कि फिल्म सिटी के विकास में यमुना प्राधिकरण की क्या भूमिका रहेगी? इस निर्माण में तमाम तरह की अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने होंगे, इन्हें दिलाने में प्राधिकरण क्या कदम उठाएगा?
कंपनियों की शंकाओं का 15 दिन में समाधान होगा यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया की प्राधिकरण ने कंपनियों से 10 दिसंबर तक शंकाओं को सवालों के रूप में देने के लिए कहा है। इन सवालों का जवाब शासन स्तर पर बनी समिति देगी। कंपनियों की शंकाओं का 15 दिन में समाधान किया जाएगा। इसके बाद कंपनियों को बिड की तिथि बताई जाएगी। इसके बाद बिड के लिए लगभग दो सप्ताह का समय दिया जाएगा।
1000 एकड़ जमीन आरक्षित यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में फिल्म सिटी विकसित की जानी है। इसके लिए 1000 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है। इसमें 220 एकड़ जमीन व्यावसायिक उपयोग की होगी। बाकी बची जमीन पर फिल्म से संबंधित गतिविधियों की जाएंगी। फिल्म सिटी के लिए 23 नवंबर को वैश्विक निविदा निकाली गई थी।