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प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का पहला सत्र शुरू, एेसे होगा राजनाथ, योगी आैर शाह का स्वागत ‘रावण’ को लाएंगे साथ दरअसल, गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने मायावती को अपनी बहन बताकर अगामी चुनाव में उनका साथ देने का ऐलान किया है। वहीं उन्होंने भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर उर्फ रावण को भी साथ लाने का दावा किया है। हालांकि, अभी तक भी बसपा या भीम आर्मी ने एक साथ आने का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। चर्चाएं हैं कि यदि भीम आर्मी भी महागठबंधन का समर्थन करती है तो चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर मिलेगी। यह भी पढ़ें
महिला अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली यह मुस्लिम बनेगी भाजपा परिवार का हिस्सा पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा को नहीं मिली सीट गौरतलब है कि 2014 लोकसभा और 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा अकेले मैदान में उतरी थी। इसका परिणाम यह रहा कि बसपा को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। जबकि विधानसभा चुनाव में पार्टी को मात्र 19 सीटें ही मिल सकी। जिसके बाद मायावती ने गठबंधन की राजनीति का ऐलान किया और सपा का साथ देकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी। गोरखपुर, फूलपुर में जहां बसपा ने सपा को सीधे तौर पर समर्थन दिया, तो कैराना और नूरपुर में बसपा का अप्रत्यक्ष समर्थन रहा क्योंकि पार्टी ने अपने उम्मीदवार इन सीटों पर घोषित नहीं किए। जिसका नतीजा यह रहा कि भाजपा को इन चारों सीटों में से एक भी सीट नहीं मिली। यह भी पढ़ें
योगी सरकार के इस फैसले से गांधी की खादी को मिल रहा है बल 2019 में भाजपा को देंगे करारी हार बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर बसपा के लिए बड़ी मुसीबत बने। वहीं जिग्नेश मेवाणी भी मायावती के विरोध में थे जो कि चंद्रशेखर के काफी करीब रहे हैं। अब अचानक उनके रुख में बदलाव से कहीं न कहीं मायावती के लिए राहत बताई जा रही है। बसपा सूत्रों की मानें तो 2019 लोकसभा चुनाव में जिग्नेश की कोशिश है कि वह चंद्रशेखर को भी बसपा के सपोर्ट में लेकर आएं। जिससे की महागठबंधन और भी मजूबत हो जाए और इससे भाजपा को करारी हार मिल सकेगी।