मल्टी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल कैम्पस की बिल्डिंग के सातवें माले से गिरने से न को उसकी जान बच पाई और न ही उसकी पहचान उजागर हो पाई। वही इस घटना में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि जहां ये हादसा हुआ है। वहां से महज़ 10 मीटर की दूरी पर अस्पताल की एमरजेंसी वार्ड है। लेकिन इस युवती को डॉक्टरों तक पहुचने में 15 मिनट से ज्यादा का वक़्त लग गया, जोकि मेडिकल सर्विसेस पर सवालिया निशान लगा रहा है। यदि युवती को समय रहते इलाज मिल जाता तो उसे बचाया जा सकता था। घटनास्थल के पास तैनात सुरक्षा गार्ड का कहना है कि उसने 11.30 पर ऊपर से शोर की आवाज सुनी, जब वह उस ओर गया, तभी लड़की नीचे आ गिरी। वहीं, इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉकटर कहना है कि 11.45 बजे युवती के गिरने की सुचना मिली तो फौरन अपनी टीम से लड़की को लेकर इलाज शुरू कर दिया, लेकिन लड़की की मौत हो चुकी थी। यानी 10 मीटर का फासला तय करने में 15 मिनट लग गए।
मृतक युवती की पहचान नहीं हो पाई है और न ही उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सुरक्षा गार्ड के बयान से ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लड़की कूदी थी या उसे धक्का दिया गया था। ये पुलिस की विवेचना का विषय है। फिलहाल, पुलिस इस मामले में लड़की का पोस्टमार्टम कराकर जांच में जुट गई है। हालांकि, इस अस्पताल की सुरक्षा के लिए गार्डो की भरमार है। फिर भी इस तरह की घटना का घटना यहां की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाता है।