सीपीसीबी यानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, नोएडा में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है। ये लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव करती है। खासतौर से सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर इसका ज्यादा असर होता है।
यूपी में सबसे प्रदूषित शहरों में नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और लखनऊ
नोएडा में गुरुवार सुबह औसत एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। नोएडा में 2 नवंबर की शाम 10 पीएम यानी पार्टिकुलेट मैटर का स्तर 493 एक्यूआई पर पहुंच गया था। पीएम 2.5 में एक्यूआई 500 दर्ज किया गया। पीएम 10 का औसत स्तर 348 एक्यूआई था, जबकि औसत पीएम 2.5 में एक्यूआई 422 था।
बढ़ते प्रदूषण को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों में पराली जलाए जाने की वजह से प्रदूषण की समस्या अभी बनी रह सकती है। ठंड़ बढ़ने से भी आने वाले दिनों में प्रदूषण और ज्यादा बढ़ सकता है।