नोएडा

आरुषि हत्याकांड: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से पहले जानें इस मिस्ट्री मर्डर केस की पूरी टाइम लाइन

16 मई 2008 से 12 अक्टूबर 2017 तक कब, क्या-क्या हुआ…

नोएडाOct 12, 2017 / 02:41 pm

pallavi kumari

aarushi murder case

नोएडा. बहुचर्चित आरुषि और हेमराज हत्या कांड में मर्डर केस के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे डॉ. राजेश व नूपुर तलवार की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुछ ही देर में फैसला आने वाले हैं। इस मामले में सितंबर 2016 से 11 जनवरी 2017 तक सुनवाई चली थी। गाजियाबाद के विशेष सीबीआई कोर्ट राजेश तलवार और नुपुर तलवार को 26 नवंबर, 2013 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट के फैसले को लेकर ये मामला फिर से सुर्खियों में बना हुआ। 9 साल पहले 15/16 मई 2008 की रात को आरुषि तलवार की उसके घर में ही हत्‍या कर दी गई थी। इतने साल बीतने के बाद और तलवार दंपति को सजा मिलने के बावजूद आरुषि और हेमराज मर्डर केस के राज नहीं खुल पाया है।
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15 मई 2008 की रात में नोएडा के सेक्टर-25, जलवायु विहार में आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या कर दी गई। 17 मई की सुबह फ्लैट की छत से नौकर हेमराज का शव बरामद हुआ। इस मामले में नोएडा पुलिस ने 23 मई को आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 1 जून को यह केस सीबीआई को जांच के लिए सौंप दिया गया। 26 नवंबर 2013 में गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपति को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसी फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी। इस अपील पर हाईकोर्ट में अभी गुरुवार 12 अक्टूबर को सुनवाई चली रही है। ऐसे में हम आपको बताते है कि इस हत्याकांड और इससे जुड़ी कोर्ट की कार्यवाही का पूरा टाइम लाइन

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साल 2008
मई 16 : आरुषि तलवार का नोएडा के घर के बेडरूम में लाश मिली। शव का गला कटा हुआ था। हत्या का शक नौकर हेमराज पर गया।
मई 17 : अगले दिन नौकर हेमराज की लाश तलवार के घर के छत से बरामद हुई।
मई 23 : आरुषि के पिता डॉ राजेश तलवार को नोएडा पुलिस ने आरुषि और हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
जून 1 : सीबीआई को इस केस की जांच सौंपी गई।
जून 13 : डॉ राजेश तलवार के कम्पाउंडर कृष्णा को इस मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया। तलवार के दोस्त दुर्रानी के नौकर राजकुमार और तलवार के पड़ोसी के नौकर विजय मंडल को भी बाद में गिरफ्तार किया। सीबीआई ने तीनों को दोहरे हत्याकांड का आरोपी बनाया।
जुलाई 12 : इधर राजेश तलवार को गाजियाबाद की डासना जेल से जमानत पर रिहा किया गया।
सितंबर 12 : कुछ महीनों बाद कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल को लोअर कोर्ट से जमानत मिल गई. सीबीआई 90 दिनों तक चार्जशीट फाइल नहीं कर सकी थी।
साल 2009, 10 सितंबर को इस हत्याकांड की जांच के लिए सीबीआई की दूसरी टीम बनाई गई।

साल 2010, 29 दिसंबर को सीबीआई ने आरुषि हत्याकांड में अदालत में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी।
साल 2011

जनवरी 25 : राजेश तलवार ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ लोअर कोर्ट में पिटीशन दर्ज की।
फरवरी 9 : लोअर कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी और आरुषि के मां-बाप, राजेश और नुपुर तलवार को हत्या का दोषी माना।
फरवरी 21 : डॉ राजेश और नुपुर तलवार ट्राइल कोर्ट के समन को रद्द करवाने हाइकोर्ट गए।
मार्च 18 : हाईकोर्ट ने समन रद्द करने की तलवार की अपील को खारिज की और उन पर कार्यवाही शुरू करने को कहा।
मार्च 19 : तलवार दंपति सुप्रीम कोर्ट गए, जिसने उनके खिलाफ ट्राइल को स्टे कर दिया।
साल 2012
जनवरी 6 : सुप्रीम कोर्ट ने तलवार दंपति की अर्जी को खारिज करते हुए ट्राइल शुरू करने की परमिशन दी।
जून 11 : गाजियाबाद में विशेष सीबीआई जज एस लाल के सामने ट्राइल शुरू हुआ।
साल 2013
अक्टूबर 10 : कोर्ट में फाइनल बहस हुआ।
नवंबर 25 : फाइनल सुनवाई के बाद तलवार दंपति को गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।


साल 2014
जनवरी : तलवार दंपत्ति ने लोअर कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
साल 2017
जनवरी 11 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति की अपील पर फैसला सुरक्षित किया।
अगस्त 01 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि तलवार की अपील दुबारा सुनेंगे क्योंकि सीबीआई के दावों में विरोधाभास हैं।
सितंबर 08 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि हत्याकांड में फैसला सुरक्षित किया।
अक्टूबर 12 : लाहाबाद हाईकोर्ट में आरुषि हत्याकांड पर फैसला आएगा
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