मोहम्मद इरफान ने भी हाईटेक शहर में अपने घर का सपना संजोया था। घर के लिए 2015 में सबवेंशन स्कीम के तहत बुकिंग कराई। इस स्कीम के तहत बिल्डर को घर पर कब्जा न देेने तक ईएमआई देनी होती है। मोहम्मद इरफान ने बताया कि बैंक ने उनका प्रोफाइल देखकर 15 लाख रुपये का लोन दिया था। उन्होंने बताया कि उसके अलावा इधर—उधर से करीब 2.10 लाख का और कर्ज लिया। उन्होंने बताया कि जुलाई 2016 में बिल्डर ने EMI देनी बंद कर दी।
VIDEO: एसआईटी की टीम ने आजम खान से की पूछताछ तो विधायक बेटे ने जताई नाराजगी उन्होंने बताया कि जैसे तैसे कर कुछ माह तक मैंने खुद EMI भरी। जिसकी वजह से बैंक का 19 लाख रुपये का कर्ज हो गया। उसके बाद भी घर नहीं मिला। उन्होंने कहा कि बढ़ते कर्ज को देखते हुए बैंक से घर लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने बताया कि घर की वजह से मैं बर्बाद हो चुका हूं और सदमे के चलते पिता की मौत हो गई।
दो बच्चों की फीस देेने के लिए पैसे नहीं है। ठेके पर इलेक्ट्रिक का काम कर मकान का हर माह 10 हजार रुपये का किराया देना पड़ता है। अब कोई बैंक लोन भी नहीं देगा। उन्होंने बताया कि आत्महत्या के अलावा रास्ता नहीं है। बैंक के रिकवरी एजेंट आए दिन उन्हें परेशान करते हैं। उन्होंने बताया कि मेरी तरफ से बैंक को करीब तीन लाख रुपये दिए जा चुके है। उसके बाद भी मैं मकान वापस करने को तैयार हुं।