यहां मौजूद एक निवेशक सुभाष कुमार ने बताया कि हम लोग पिछले कई दिनों से यहां बैठे हैं और लगातार बिल्डर की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। लेकिन हमारी सुध लेने न तो कोई अधिकारी आया और न ही सरकार का कोई मंत्री। उन्होंने बताया कि यहां हड़ताल पर बैठे लोगों को अब भगवान से ही आस रह गई है। इसलिए सभी लोग भगवान से दुआ कर रहे हैं कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान निकल जाए। उन्होंने बताया कि इस यज्ञ को यहां मौजूद बुजुर्गों के कहने पर किया गया है। क्योंकि उनका मानना है कि सरकार तो नहीं, लेकिन भगवान जरूर उनकी बात सुनेगा।
गौरतलब है कि गत शनिवार से हड़ताल पर बैठे आम्रपाली के निवेशकों ने सरकार और प्रशासन से दो मांगे पूरी करने की गुहार लगाई है। जिनमें से एक आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा को गिरफ्तार करने की मांग है। साथ ही निवेशकों में रोष है कि उन्होंने बड़ी उम्मीद के साथ भाजपा सरकार को वोट दी थी। लेकिन अब सत्ता में आने पर भी सरकार का कोई मंत्री उनकी समस्या तक सुनने नहीं आ रहा और न ही सीएम व पीएम कोई कार्यवाही कर रहे हैं। निवेशकों ने चेतावनी भी दी थी कि यदि शनिवार तक उनकी दो मांग पूरी नहीं हुई तो वह शहरभर में चक्काजाम करने को मजबूर हो जाएंगे।
क्या है मामला
दरअसल कॉरपोरेशन बैंक ने कर्ज के मामले को लेकर 18 अगस्त को सेक्टर-62के सी-56/37 की प्रॉपर्टी की नीलामी करने का फैसला किया था। जिसके बाद प्राधिकरण ने इस पर विरोध जताया। दरअसल बैंक के मुताबिक यह प्रॉपर्टी नवोदय प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से है। जबकि इस प्रॉपर्टी पर अल्ट्रा प्राइवेट लिमिटेड ने कर्ज ले रखा है। जिसके एवज में नीलामी करने की सूचना बैंक ने दी है, जिसे कॉरपोरेशन बैंक के झंडेवालान शाखा के जिम्मे दिया गया है। खास बात यह कि इस परिसर में जो इमारत खड़ी है। उस पर आम्रपाली ग्रुप कॉरपोरेट टावर-2 चस्पा है। प्राधिकरण को जब इस बात की सूचना मिली तो फाइलों की जांच की गई। फाइलों की जांच पड़ताल में यह निकलकर आया कि उक्त प्रॉपर्टी 2007 तक कबीर ओवरसीज की थी, जिसका ट्रांसफर मार्च 2007 में नवोदय प्रॉपर्टीज को कर दिया गया, जो कि अभी तक यथावत है। यह भूखंड 800 वर्गमीटर है।