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अनंत चतुर्दशी महत्व| anant chaturdashi ka mahatva
अनंत चतुर्दशी महत्व| anant chaturdashi ka mahatva
Anant chaturdashi 2018 अंनत चतुर्दशी ( Anant chaturdashi ) के दिन पूजा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ती लाई जाती है और श्रद्धा पूर्वक दस दिन तक पूजा करने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन ही उनकी विदाई की जाती है। साथ ही इसी दिन श्री हरि यानी भगवान विष्णु (vishnu)के अनंत रुप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत का अगर लगातार 14 वर्षों तक पूरे विधि विधान और नियम पूर्वक किया जाए तो निश्चय ही भक्त को विष्णु लोक की प्राप्ती होती है। इस व्रत में स्नान ध्यान के बाद सत्यनारायण भगवान की कथा भी सुनी जाती है। सत्यनारायण भगवान विष्णु भगवान (loard vishnu) के ही एक रुप है। इस व्रत में पूजा करने के बाद जातक अपने बाजू पर अनंत सूत्र बांधते हैं। इसकी खास बात यह है कि इस अनंत सूत्र में 14 गांठें बंधी होती हैं। कहा जाता है ये 14 गांठें भगवान विष्णु के द्वारा उत्पन्न चौदह लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी की प्रतीक हैं। इसके बांधने से जातक के सभी कष्ट दूर होते हैं और संकट की घड़ी में उनकी रक्षा करता है।
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अनंत चतुर्दशी पूजा एंव शुभ मुहूर्त | Anant chaturdashi puja And subh muhurat
Anant chaturdashi 2018
अनंत चतुर्दशी पूजा एंव शुभ मुहूर्त | Anant chaturdashi puja And subh muhurat
Anant chaturdashi 2018
व्रत तिथि – 23 सितंबर 2018 अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त – 06:14 (23 सितंबर 2018) से 07:17 (24 सितंबर 2018) पूजा की कुल अवधि : 25 घंटे 9 मिनट ये भी पढ़ा: Pitru paksha 2018 : 6 दिन बाद पृितपक्ष की शुरुआत, उससे पहले जान ले इन नियमों को, घर और पूर्वजों की शांति के लिए जरूरी है इनका पालन