Highlights:
-भारत में 4.90 लाख ट्रांसजेंडर हैं
-30 से 35 हजार एनसीआर क्षेत्र में रहते हैं
-उत्तर भारत में किसी भी मेट्रो सिस्टम द्वारा यह पहली पहल है
नोएडा। कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते समाज के हर वर्गों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। लेकिन एक वर्ग ऐसा भी था जो इसका सबसे ज्यादा शिकार हुआ है। वह है ट्रांसजेंडर (Transgender)। अब नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (nmrc) ने एक नयी पहल करते हुए ट्रांसजेंडर लोगों की समाज में भूमिका को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा मेट्रो लाइन (aqua metro line) पर स्थित सेक्टर 50 मेट्रो स्टेशन को ट्रांसजेंडरो को समर्पित किया है। इस स्टेशन पर ट्रांसजेंडर लोगों को विशेष सुविधा तो दी ही जाएंगी, साथ ही रोजगार के अवसर भी दिए जाएंगे।
नोएडा-ग्रेनो एक्वा लाइन स्थित सेक्टर-50 मेट्रो स्टेशन खासतौर से महिलाओं के लिए पिंक स्टेशन बनाया हुआ है। इसका शुभारंभ 8 मार्च 2020 को किया गया था। यहां पर महिलाओं के लिए स्तनपान से लेकर मैकअप रूम आदि की सुविधाएं हैं। यहां पर काफी संख्या में महिला कर्मचारी भी कार्यरत हैं। अब इस स्टेशन को एनएमआरसी ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए विशेष रूप से बनाने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत जल्द कर दी जाएगी। अधिकारियों का दावा है कि इस समुदाय के लिए उत्तर भारत में किसी भी मेट्रो सिस्टम द्वारा शुरू की गई यह अपनी तरह की पहली पहल है। अभी तक इस स्टेशन को पिंक स्टेशन घोषित किया गया था लेकिन अब इसमें बदलाव कर इसे पर ट्रांसजेंडर समुदाय को समर्पित किया जाएगा।
एनएमआरसी की प्रबंध निदेशक रितु माहेश्वरी ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 4.90 लाख ट्रांसजेंडर हैं। इनमें से 30 से 35 हजार एनसीआर क्षेत्र में रहते हैं। यह ट्रांसजेंडर स्टेशन भी पिंक स्टेशन की तर्ज पर होगा। सेक्टर-50 स्टेशन ट्रांसजेंडर समुदाय को समर्पित होगा। हालांकि, यह सभी प्रकार के यात्रियों के लिए खुला रहेगा। इस स्टेशन पर बने शौचालयों के स्ट्रक्चर में बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अलग सुरक्षा जांच पर विचार किया जा रहा है।
उधर, ट्रांसजेंडर को स्वास्थ्य और शिक्षा उपलब्ध कराके उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करने की जद्दोजहद में लगी संस्था बसेरा समाजिक संस्थान की अध्यक्ष रिजवान उर्फ रामकली ने इस नई पहल का स्वागत किया है। रामकली कहती हैं कि वह ट्रांसजेंडर समाज के लोगों को समाज में समान स्वीकार्यता और मान्यता दिलाने का प्रयास कर रही हैं। वह चाहती हैं कि किन्नर समाज के लोग शिक्षित होकर काम करें और सम्मान के साथ जिंदगी गुजारें।