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थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक मनीष सक्सेना ने बताया कि सेक्टर-16ए स्थित जी मीडिया हिंदुस्तान चैनल पर तीन तलाक का विरोध करने वाली निदा खान को फतवा जारी किए जाने पर बहस चल रही थी। इस संबंध में फराह, निदा खान का समर्थन कर रही थीं। बहस के दौरान मामला तब बिगड़ गया जब एडवोकेट फराह फैज ने कहा कि कुरान से तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक को अनुमति नहीं मिली है। इस पर दोनों में बहस होने लगी और नौबत मारपीट तक आ गई।
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गौरतलब है कि मौलाना मुफ्ती एजाज अरशद कासमी आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य भी हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक ट्वीट करके बताया है कि मौलाना एजाज अरशद कासमी के मारपीट मामले में एक तीन सदस्यीय कमेटी गठन करके जांच की जा रही है। यह कमेटी मौलाना रबी हसानी नदवी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं, एआईएआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ट्वीट का रिप्लाई करते हुए लिखा है कि मौलाना एजाज अरशद कासमी को बोर्ड की सदस्यता से बर्खास्त किया जाना चाहिए। हमें इस मामले में कमेटी की क्या जरूरत है! कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ लाइव टीवी डिबेट में मारपीट कैसे कर सकता है।
गौरतलब है कि मौलाना मुफ्ती एजाज अरशद कासमी आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य भी हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक ट्वीट करके बताया है कि मौलाना एजाज अरशद कासमी के मारपीट मामले में एक तीन सदस्यीय कमेटी गठन करके जांच की जा रही है। यह कमेटी मौलाना रबी हसानी नदवी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं, एआईएआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ट्वीट का रिप्लाई करते हुए लिखा है कि मौलाना एजाज अरशद कासमी को बोर्ड की सदस्यता से बर्खास्त किया जाना चाहिए। हमें इस मामले में कमेटी की क्या जरूरत है! कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ लाइव टीवी डिबेट में मारपीट कैसे कर सकता है।
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मालूम हो कि हलाला, तीन तलाक और बहुविवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली निदा खान के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। यह फतवा उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत के ताकतवर व प्रभावशाली शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने जारी किया है। निदा खान आला हजरत खानदान की बहू हैं। साल 2015 में 16 जुलाई को उनका निकाह खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से हुआ था। अंजुम मियां आल इंडिया इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खां के सगे भाई हैं। निकाह के बाद शीरान रजा ने 5 फरवरी 2016 को तीन तलाक देकर निदा को घर से बाहर निकाल दिया था।
यह भी देखें-शाहबेरी में लोगों ने मौत के घर में किया गृह प्रवेश निदा को जारी फतवे में कहा गया है कि अगर निदा खान बीमार पड़ती हैं तो उन्हें कोई दवा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। अगर उनकी मौत हो जाती है तो न ही कोई उनके जनाजे में शामिल होगा और न ही कोई नमाज अदा करेगा। फतवे में यह भी कहा गया है कि अगर कोई निदा खान की मदद करता है तो उसे भी यही सजा झेलनी पड़ेगी। उनसे तब तक कोई मुस्लिम संपर्क नहीं रखेगा जब तक वे सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांग लेती और इस्लाम विरोधी स्टैंड को नहीं छोड़तीं।